गुरुवार, सितंबर 14, 2023

⛲ बारिश की फुहार ⛲









रिमझिम आई बारिश की फुहार,

लेकर प्रकृति में नई बहार।

बारिश हैं ऋतुओं की रानी,

चारों तरफ हुआ पानी-पानी।


तेज गर्मी देखो हुई फरार,

सभी ओर हरियाली पसार।

मोर, पपीहा सब करे धमाल,

इन्हें रोकने की किसकी मजाल।


धरा कर रही हैं नया श्रृंगार,

सबकी नजरें रही उसे निहार।

नभ में काले बादल छाए,

कोयल मीठे गीत सुनाए।


रिमझिम आई बारिश की फुहार,

लेकर प्रकृति में नई बहार।


✍️ करिश्मा नरेंद्र मल ( गढ़चिरौली, महाराष्ट्र )

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