सोमवार, सितंबर 11, 2023

✳️ तुमसे ही सोलह श्रृंगार प्रिय ✳️









तुमसे ही सोलह श्रृंगार प्रिय

ये चूड़ी, बिंदी और हार प्रिय

साथ तुम्हारा सौभाग्य मेरा

जीवन का तुम आधार प्रिय।


मेरे कानों की ये बाली कहे

मेरे होठों की ये लाली कहे

मेंहदी की रंगत खिल कहे

तुम ही तो मेरा संसार प्रिय।


सिंदूरी मांग में टीका सजे

नथ का नग सितारे सा दमके

रुनझुन पायल संग गीत सजे

मधुर प्रेम का तुम आलाप प्रिय।


तुमसे ही सोलह श्रृंगार प्रिय

ये चूड़ी, बिंदी और हार प्रिय

साथ तुम्हारा सौभाग्य मेरा

जीवन का तुम आधार प्रिय।


✍️ शैली भागवत 'आस' ( इंदौर, मध्य प्रदेश )

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