शुक्रवार, जुलाई 07, 2023

❣️ प्रेम मिलन ❣️







सुनो, मुझसे मिलो

और 

मुझे कसकर बांध लो 

अपनी बाहों में

मैं तुम्हारी शर्ट के कांधे को 

भिगो देना चाहती हूँ

इन आंसुओं से


मैं तुम्हारे आलिंगन में 

जार-जार रोऊंगी

तब तुम घबरा कर 

मेरे चेहरे को मत उठाना

अपने हाथों से 


बस गिन के अलग कर देना 

कुछ मिलन के

कुछ विरह के आंसू

और बिखेर देना

आसमान पर 

एक परत इसकी भी 

जो विरहाकुल प्रेमियों की 

प्यास को बुझायेंगे 

तृप्त करते रहेंगे 

सदियों तक।।


✍️ अमिता अनुत्तरा ( जोधपुर, राजस्थान )

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