मंगलवार, जून 06, 2023

⛲ दुनिया ⛲









दुनिया के रंगमंच पर,

चार दिनों का बसेरा है। 

जब तक रहना है, 

हँसते हुए जीना है।

जब अपनों का साथ होता,

तो दुनिया रंगीन हो जाती। 

ईश्वर की सबसे बड़ी इनायात,

यह हसीन दुनिया है।


दुनिया को हसीन या मतलबी बनाना, 

हम इंसानों का काम है। 

आज की आधुनिकता की दौड़ में, 

जब दुनिया की बात आती।

नज़र दौड़ती उसके बदले स्वरूप पर।

जब मतलबी दुनिया की बात आती।

टीस सी उठती दिल में। 

अपना मतलब निकाल कर,

अपनी अलग दुनिया बसा लेते हैं लोग। 


ऐसा है दस्तूर इस जहाँ का। 

बेगानों की क्या बात करें, 

अपनों को भी भूला देते हैं लोग। 

प्यार की हर उम्मीद को मिटाकर,

आँखों में अश्क दे जाते हैं लोग।

एक अलग दुनिया बसा लेते हैं लोग। 

प्यार की हर उम्मीद को, 

गलतफहमियों में मिटा देते हैं लोग। 

एक मतलबी दुनिया बसा लेते हैं लोग।

 

एक दूसरे की भावनाओं को,

समझें तो रंजिशें कोसों दूर है। 

न कोई शिकवा रहे, न कोई शिकायत,

दिल की बात जुबां पर ला,

जो गलतफहमियों को मिटा देते हैं,

वे एक हसीन दुनिया बसा लेते हैं।

मेरे सपनों की दुनिया हो एक हसीन दुनिया, 

जो नैसर्गिक संसाधनों से परिपूर्ण हो।

एक हँसता-खेलता परिवार का रूप हो,

जहाँ मानवता का संस्कार हो।

अपनेपन का अहसास हो,

ऐसा ही मेरा सपनों का संसार हो।


✍️ पूनम लता ( धनबाद, झारखंड )

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