शुक्रवार, मई 26, 2023

⛲ यादों के समंदर ⛲









मैंनें तेरी यादों के कई समंदर पार किये, 

कुछ तूफानी से, कुछ उफानी से

कुछ बर्फानी से, कुछ मनमानी से 

कुछ इम्तेहानी से, तो कुछ विरानी से

हां...

मैंनें तेरी यादों के कई समंदर पार किये। 


कुछ सिमटे से, कुछ बिखरे से 

कुछ बेपरवाह से, कुछ बेपनाह से 

कुछ उजले से, तो कुछ मटमैले से

सच में...

मैंनें तेरी यादों के कई समंदर पार किये। 


कुछ गहरे से, कुछ सतही से

कुछ रंगीले से, कुछ चुभीले से

कुछ भड़कीले से, तो कुछ शर्मीले से

मैंनें तेरी यादों के कई समंदर पार किये।

हां ...

मैंनें तेरी यादों के कई समंदर पार किये।


✍️ हरमिंदर कौर ( जालंधर, पंजाब )

1 टिप्पणी:

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