पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा महिला कलाकार शख्सियतों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ऑनलाइन महिला कलाकार प्रशस्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें नृत्य, गायन, संगीत, काॅमेडी, अभिनय, कुकिंग, पेंटिंग, योग, काव्य पाठ, मेकअप, कैट वॉक सहित विडियो रूप में प्रस्तुत की जा सकने वाली किसी भी कला की जानकार या कला में माहिर महिला कलाकार शख्सियतों को अपनी कला विडियो रूप में मंच पर प्रदर्शित करने का सुनहरा अवसर दिया गया। इस कार्यक्रम में देश के अलग-अलग राज्यों की महिला कलाकार शख्सियतों ने भाग लिया। जिन्होंने भिन्न-भिन्न कलाओं में से अपनी इच्छा से एक कला का चयन करके चयनित कला में एक से बढ़कर एक बेहतरीन प्रस्तुतियां देकर कार्यक्रम की शोभा में चार चाँद लगा दिए और कार्यक्रम को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस कार्यक्रम में रंजीता अवस्थी (शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश), इन्द्रा तिवारी 'इन्दु' (नैनीताल, उत्तराखंड) और रीतु जाजु (जोधपुर, राजस्थान) द्वारा प्रदर्शित की गई कला प्रतिभा ने ग्रुप का ध्यान विशेष रूप से आकर्षित किया। कार्यक्रम में सम्मिलित प्रतिभागी कलाकार शख्सियतों को ऑनलाइन 'पुनीत कला रत्न' सम्मान देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर ग्रुप के संस्थापक एवं अध्यक्ष पुनीत कुमार जी ने कार्यक्रम में प्रदर्शित की गई कला प्रतिभा पर अपनी महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया देकर कलाकार शख्सियतों का मार्गदर्शन व उत्साहवर्धन किया तथा सम्मान पाने वाली प्रतिभागी कलाकार शख्सियतों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही उन्होंने ग्रुप द्वारा आयोजित होने वाले विभिन्न ऑनलाइन कार्यक्रमों में अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए सादर आमंत्रित भी किया।
रचनाकारों, कलाकारों, प्रतिभाशाली लोगों और उत्कृष्ट कार्य करने वाली शख्सियतों को प्रोत्साहित करने का विशेष मंच।
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पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा आयोजित ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव के प्रतिभागी रचनाकार सम्मानित।
पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा लोगों को स्नेह के महत्व और विशेषता का अहसास करवाने के उद्देश्य से ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव का आयोजन किया गया...
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बन जाते हैं कुछ रिश्ते ऐसे भी जो बांध देते हैं, हमें किसी से भी कुछ रिश्ते ईश्वर की देन होते हैं कुछ रिश्ते हम स्वयं बनाते हैं। बन जाते हैं ...
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हे प्रियतम ! आपसे मैं हूँ और आपसे ही मेरा श्रृंगार......। नही चाहिए मुझे कोई श्रृंगार-स्वर्ण मिल जाए बस आपका स्नेह.. ...
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