पुनीत अनुपम साहित्यिक समूह द्वारा युवाओं को कलम थामकर उत्कृष्ट लेखन करने की प्रेरणा देने के उद्देश्य से ऑनलाइन 'कलम महान, विशेष पहचान' प्रेरक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका 'विषय - स्वैच्छिक' रखा गया। इस कार्यक्रम में देश के अलग-अलग राज्यों के रचनाकारों ने भाग लिया। जिन्होंने अपनी कलम से भिन्न-भिन्न विषयों पर आधारित एक से बढ़कर एक उत्कृष्ट रचनाओं को रचकर तथा कार्यक्रम में प्रस्तुत करके कार्यक्रम की शोभा में चार चाँद लगा दिए और कार्यक्रम को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस कार्यक्रम में नीलम महाजन ( भिवानी, हरियाणा ) और अमृता पुरोहित ( पंचमहल, गुजरात ) की रचनाओं ने समूह का ध्यान विशेष रूप से आकर्षित किया। कार्यक्रम में सम्मिलित सभी प्रतिभागी रचनाकार शख्सियतों को ऑनलाइन 'पुनीत प्रेरक ज्योति' सम्मान देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर समूह के संस्थापक एवं अध्यक्ष पुनीत कुमार जी ने युवाओं को कलम के महत्व के बारे में बताते हुए बेकार की चीजों का पीछा छोड़कर कलम थामकर समाज सुधारक उत्कृष्ट लेखन करने के लिए प्रेरित किया। इसके साथ ही उन्होंने कार्यक्रम में प्रस्तुत की गई रचनाओं पर अपनी महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया देकर रचनाकारों का मार्गदर्शन व उत्साहवर्धन किया तथा सम्मान पाने वाली सभी प्रतिभागी रचनाकार शख्सियतों को उज्ज्वल साहित्यिक जीवन की शुभकामनाएं दी। उन्होंने रचनाकारों को समूह द्वारा आयोजित होने वाले विभिन्न ऑनलाइन साहित्यिक कार्यक्रमों में अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए सादर आमंत्रित भी किया। इस कार्यक्रम में उत्कृष्ट रचना प्रस्तुत करके समूह की शोभा बढ़ाने वालों में प्रमुख नाम नीलम महाजन, सीमा मोटवानी, अमृता पुरोहित, पूजा आर श्रीवास्तव रचनाकारों के रहे।
रचनाकारों, कलाकारों, प्रतिभाशाली लोगों और उत्कृष्ट कार्य करने वाली शख्सियतों को प्रोत्साहित करने का विशेष मंच।
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पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा आयोजित ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव के प्रतिभागी रचनाकार सम्मानित।
पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा लोगों को स्नेह के महत्व और विशेषता का अहसास करवाने के उद्देश्य से ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव का आयोजन किया गया...
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बन जाते हैं कुछ रिश्ते ऐसे भी जो बांध देते हैं, हमें किसी से भी कुछ रिश्ते ईश्वर की देन होते हैं कुछ रिश्ते हम स्वयं बनाते हैं। बन जाते हैं ...
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हे प्रियतम ! आपसे मैं हूँ और आपसे ही मेरा श्रृंगार......। नही चाहिए मुझे कोई श्रृंगार-स्वर्ण मिल जाए बस आपका स्नेह.. ...
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