"मैं समय हूँ "यह पंक्ति आप सब ने महाभारत धारावाहिक में सुनी होगी। वक्त का हम सब के जीवन में बहुत महत्त्व है। कभी अच्छा तो कभी बुरा वक्त भी आता है, पर हमेशा एक सा नही रहता। बस हमें उस की कद्र करनी चाहिए। हम हमेशा सुनते आए हैं कि वक्त कभी किसी के लिए नही रुकता इसलिए उसका सही उपयोग कर लो वरना उसके गुजरने के बाद आप बस अफ़सोस ही करते रह जाओगे। इस इक्कीसवीं सदी में लोगों को लगने लगा था कि वह वक्त को काबू में कर सकतें हैं, उसे अपने अनुरूप चला सकते हैं। हम सब अपने आने वाले वक्त को अच्छा बनाने के लिए, जिसका यह भी नही पता कि हम उसको देख भी पाएँगे कि नही अपना आज का वक्त खो रहे हैं। और इस का अहसास हमें अभी आई कोरोना महामारी ने करा दिया। कल का किसी को नही पता इसलिए अपने किसी भी कार्य को कल पर ना डालें, उसी वक्त में कर लें, चाहें वह किसी अपने से मिलना हो या दिल की बात कहनी हो । कबीर जी का एक दोहा है,
"काल करे सो आज कर, आज करे सो अब,
"काल करे सो आज कर, आज करे सो अब,
पल में प्रलय होएगी, बहुरि करेगा कब"।
तो वक्त रहते वक्त का महत्व पहचानिए वरना वक्त आप को नही पहचानेगा।
✍️ स्मिता चौहान ( गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश )
इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंवक्त के महत्व को दर्शाता सार्थक लेख।आपके विचार स्पष्ट और प्रभावी हैं 👏👏👌👌
जवाब देंहटाएं