पुनीत अनुपम साहित्यिक समूह द्वारा शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन 'शिक्षक दिवस साहित्यिक महोत्सव' का आयोजन किया गया। जिसका विषय 'शिक्षक का महत्व' रखा गया। इस महोत्सव में देश के अलग-अलग राज्यों के रचनाकारों ने भाग लिया। जिन्होंने दिए गए विषय पर आधारित एक से बढ़कर एक उत्कृष्ट रचनाओं को प्रस्तुत कर महोत्सव की शोभा में चार चाँद लगा दिए। इस महोत्सव में रचनाकारों ने एक ओर जहां अपनी रचनाओं के माध्यम से शिक्षक दिवस के इतिहास के बारे में बताया तो दूसरी ओर शिक्षकों के प्रति भी उन्होंने अपने असीम स्नेह और श्रद्धा भावना को प्रकट किया। महोत्सव में सम्मिलित सभी प्रतिभागी रचनाकार शख्सियतों को ऑनलाइन 'पुनीत शिक्षा ज्योति' सम्मान देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर समूह के संस्थापक एवं अध्यक्ष पुनीत कुमार जी ने महान शिक्षक तथा भारत देश के द्वितीय राष्ट्रपति डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के व्यक्तित्व व किए गए महान कार्यों को कोटि-कोटि नमन करते हुए शिक्षक दिवस की बधाई व शुभकामनाएं दी तथा महोत्सव में प्रस्तुत की गई रचनाओं पर अपनी महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया देकर रचनाकारों का मार्गदर्शन एवं उत्साहवर्धन किया। उन्होंने हिंदी रचनाकारों को समूह द्वारा आयोजित होने वाले विभिन्न ऑनलाइन साहित्यिक कार्यक्रमों में अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए सादर आमंत्रित भी किया। इस महोत्सव में उत्कृष्ट रचना प्रस्तुत करके समूह की शोभा बढ़ाने वालों में प्रमुख नाम चंचल जैन, सीमा मोटवानी, सुनीता सोलंकी 'मीना', कुसुम अशोक सुराणा, रंजन लाल 'बेफिक्र', सम्पदा ठाकुर रचनाकारों के रहे।
रचनाकारों, कलाकारों, प्रतिभाशाली लोगों और उत्कृष्ट कार्य करने वाली शख्सियतों को प्रोत्साहित करने का विशेष मंच।
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पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा आयोजित ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव के प्रतिभागी रचनाकार सम्मानित।
पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा लोगों को स्नेह के महत्व और विशेषता का अहसास करवाने के उद्देश्य से ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव का आयोजन किया गया...
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बन जाते हैं कुछ रिश्ते ऐसे भी जो बांध देते हैं, हमें किसी से भी कुछ रिश्ते ईश्वर की देन होते हैं कुछ रिश्ते हम स्वयं बनाते हैं। बन जाते हैं ...
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हे प्रियतम ! आपसे मैं हूँ और आपसे ही मेरा श्रृंगार......। नही चाहिए मुझे कोई श्रृंगार-स्वर्ण मिल जाए बस आपका स्नेह.. ...
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