पुनीत अनुपम साहित्यिक समूह द्वारा पितृ पक्ष में पूर्वजों को स्मरण करने तथा साहित्यिक श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से ऑनलाइन पूर्वज स्मृति साहित्यिक सप्ताह का आयोजन किया गया। जिसका 'विषय - पूर्वज और उनकी शिक्षाएं' रखा गया। इस स्मृति साहित्यिक सप्ताह में देश के अलग-अलग राज्यों के रचनाकारों ने भाग लिया। जिन्होंने पूर्वजों के जीवन और उनकी शिक्षाओं पर आधारित अपनी श्रद्धा भरपूर रचनाओं को प्रस्तुत कर पूर्वजों के प्रति अपनी अटूट श्रद्धा तथा आदर भाव को प्रकट किया। इस स्मृति साहित्यिक सप्ताह में सावित्री मिश्रा (झारसुगुड़ा, ओड़िशा), भारती राय (नोएडा, उत्तर प्रदेश) तथा सुषमा पांडे (बोकारो, झारखंड) की रचनाओं ने समूह का ध्यान विशेष रूप से आकर्षित किया। इस स्मृति साहित्यिक सप्ताह में सम्मिलित सभी प्रतिभागी रचनाकार शख्सियतों को ऑनलाइन 'पुनीत पूर्वज आशीष' सम्मान देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर समूह के संस्थापक एवं अध्यक्ष पुनीत कुमार जी ने पितृ पक्ष के महत्व के बारे में बताते हुए युवा पीढ़ी के लोगों से पूर्वजों की शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाने के लिए कहा और साथ ही पूर्वज स्मृति साहित्यिक सप्ताह में प्रस्तुत की गई रचनाओं पर अपनी महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया देकर रचनाकारों का मार्गदर्शन व उत्साहवर्धन किया। उन्होंने समूह द्वारा आयोजित होने वाले विभिन्न ऑनलाइन साहित्यिक कार्यक्रमों में सम्मिलित होने के लिए हिंदी रचनाकारों को सादर आमंत्रित भी किया। पूर्वज स्मृति साहित्यिक सप्ताह में अपनी श्रद्धा भरपूर रचनाओं से पूर्वजों को साहित्यिक श्रद्धांजलि देने वालों में प्रमुख नाम सीमा मोटवानी, सुषमा पांडे, सावित्री मिश्रा, भारती राय, डॉ. उमा सिंह बघेल रचनाकारों के रहे।
रचनाकारों, कलाकारों, प्रतिभाशाली लोगों और उत्कृष्ट कार्य करने वाली शख्सियतों को प्रोत्साहित करने का विशेष मंच।
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पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा आयोजित ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव के प्रतिभागी रचनाकार सम्मानित।
पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा लोगों को स्नेह के महत्व और विशेषता का अहसास करवाने के उद्देश्य से ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव का आयोजन किया गया...
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हे प्रियतम ! आपसे मैं हूँ और आपसे ही मेरा श्रृंगार......। नही चाहिए मुझे कोई श्रृंगार-स्वर्ण मिल जाए बस आपका स्नेह.. ...
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