मैं रहूं या ना रहूं पर
प्रेम मेरा जिंदा रहेगा
भले ही दूर होगी परछाई मेरी
पर प्रेम बस तुमसे रहेगा
पढ़ते है सब खुली आंखों में प्रेम
तुम मेरी बंद आंखों में भी पढ़ लेना
काश ! लूं तेरी गोद में आखरी सांसे
हर सांस बस तेरा नाम रहेगा
तेरे नाम की बिंदिया लगाना
तुझ से ही खुद को संवारना
मेरी रूह बनकर तू मुझमें ही रहेगा
हाँ प्रेम मेरा जिंदा रहेगा
अगर चल भी जाऊं इस जहां से मैं
तो भी पुकारना एक आवाज दिल से
महसूस हो जाऊंगी तुझे तुझमें ही
क्यूंकि प्रेम मेरा जिंदा रहेगा
✍️ वैष्णवी नीमा ( झालावाड़, राजस्थान )