रचनाकारों, कलाकारों, प्रतिभाशाली लोगों और उत्कृष्ट कार्य करने वाली शख्सियतों को प्रोत्साहित करने का विशेष मंच।
शुक्रवार, मई 20, 2022
पुनीत अनुपम साहित्यिक समूह द्वारा आयोजित ऑनलाइन 'पुनीत रचनाकार प्रशस्ति कार्यक्रम' में रचनाकारों ने मन के भावों को किया प्रस्तुत।
पुनीत अनुपम साहित्यिक समूह द्वारा रचनाकारों के उत्साहवर्धन हेतु एवं उनके मन के भावों को आदर देने के उद्देश्य से ऑनलाइन 'पुनीत रचनाकार प्रशस्ति कार्यक्रम' का आयोजन किया गया। जिसमें रचनाकारों को अलग-अलग विषयों के विकल्प देकर उसमें से किसी एक विषय का चयन करके चयनित विषय पर आधारित रचना लिखने के लिए कहा गया था। इस कार्यक्रम में देश के अलग-अलग राज्यों के रचनाकारों ने भाग लिया। जिन्होंने दिए गए विषयों पर आधारित एक से बढ़कर एक उत्कृष्ट रचनाओं के माध्यम से अपने मन के भावों को प्रस्तुत कर ऑनलाइन 'पुनीत रचनाकार प्रशस्ति कार्यक्रम' की शोभा में चार चाँद लगा दिए। इस कार्यक्रम में समूह द्वारा अपने पिछले ऑनलाइन साहित्यिक कार्यक्रमों में मंच की शोभा बढ़ा चुके रचनाकारों को विशिष्ट साहित्यिक शख्सियत के तौर पर जोड़कर ऑनलाइन 'पुनीत विशिष्ट रचनाकार' सम्मान देकर सम्मानित किया गया और साथ ही समूह से पहली बार जुड़कर अपनी रचनाएं प्रस्तुत करने वाले रचनाकारों को ऑनलाइन 'पुनीत रचनाकार' प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन किया गया। इस अवसर पर समूह के संस्थापक एवं अध्यक्ष पुनीत कुमार जी ने ऑनलाइन 'पुनीत रचनाकार प्रशस्ति कार्यक्रम' में प्रतिभागी रचनाकारों द्वारा प्रस्तुत की गई रचनाओं पर अपनी महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया देकर रचनाकारों का मार्गदर्शन व उत्साहवर्धन किया तथा सम्मान पत्र और प्रशस्ति पत्र पाने वाले सभी रचनाकारों को उज्ज्वल साहित्यिक जीवन की शुभकामनाएं दी। उन्होंने रचनाकारों को आने वाले ऑनलाइन साहित्यिक महोत्सवों में अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए सादर आमंत्रित भी किया। इस कार्यक्रम में उत्कृष्ट रचना प्रस्तुत करके समूह की शोभा बढ़ाने वालों में प्रमुख नाम सोनी कुमारी, स्मिता सिंह चौहान, प्रिया अवस्थी शर्मा, सीमा मोटवानी, संध्या शर्मा, ज्योति चौधरी, रीना अग्रवाल, सुभाष सेमल्टी 'विपी', गरिमा, ज्योति पांडे, अर्चना श्रीवास्तव, प्राप्ति सिंह, सावित्री मिश्रा, सरोज कंचन, नंदिनी ठाकुर, पूजा गुप्ता, पूजा सिंह रघुवंशी, कोमल वर्मा रचनाकारों के रहे।
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पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा आयोजित ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव के प्रतिभागी रचनाकार सम्मानित।
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जीवन में जरूरी हैं रिश्तों की छांव, बिन रिश्ते जीवन बन जाए एक घाव। रिश्ते होते हैं प्यार और अपनेपन के भूखे, बिना ममता और स्नेह के रिश्ते...
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हे प्रियतम ! आपसे मैं हूँ और आपसे ही मेरा श्रृंगार......। नही चाहिए मुझे कोई श्रृंगार-स्वर्ण मिल जाए बस आपका स्नेह.. ...
आभार
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