शुक्रवार, अप्रैल 22, 2022

पुनीत अनुपम साहित्यिक समूह द्वारा आयोजित ऑनलाइन संस्कार-अनुशासन साहित्यिक महोत्सव के प्रतिभागी रचनाकार सम्मानित।

पुनीत अनुपम साहित्यिक समूह द्वारा संस्कार एवं अनुशासन के महत्व तथा उपयोगिता का अहसास लोगों को करवाने के उद्देश्य से ऑनलाइन 'संस्कार-अनुशासन साहित्यिक महोत्सव' का आयोजन किया गया। जिसका विषय 'संस्कार और अनुशासन का महत्व' रखा गया। इस महोत्सव में देश के अलग-अलग राज्यों के रचनाकारों ने भाग लिया। जिन्होंने दिए गए विषय पर आधारित एक से बढ़कर एक उत्कृष्ट रचनाओं को प्रस्तुत कर ऑनलाइन 'संस्कार-अनुशासन साहित्यिक महोत्सव' की शोभा में चार चाँद लगा दिए और ऑनलाइन संस्कार-अनुशासन साहित्यिक महोत्सव को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस महोत्सव के द्वारा समूह से जुड़कर पहली बार रचना प्रस्तुत करने वाले रचनाकारों ने समूह का ध्यान विशेष रूप से आकर्षित किया। महोत्सव में सम्मिलित सभी प्रतिभागी रचनाकार शख्सियतों को ऑनलाइन 'पुनीत संस्कार ज्योति' सम्मान देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर समूह के संस्थापक एवं अध्यक्ष पुनीत कुमार जी ने लोगों को संस्कार-अनुशासन की महत्वता बताते हुए अच्छे संस्कार अपनाने और अनुशासित जीवन जीने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने महोत्सव में प्रस्तुत की गई रचनाओं पर अपनी महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया देकर रचनाकारों का मार्गदर्शन तथा उत्साहवर्धन किया और सम्मान पाने वाले सभी प्रतिभागी रचनाकारों को उज्ज्वल साहित्यिक जीवन की शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही उन्होंने रचनाकारों को आने वाले ऑनलाइन साहित्यिक महोत्सवों में अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए सादर आमंत्रित भी किया। इस महोत्सव में उत्कृष्ट रचना प्रस्तुत करके समूह की शोभा बढ़ाने वालों में प्रमुख नाम सुनीता सोलंकी 'मीना', कुसुम अशोक सुराणा, चंचल जैन, सुभाष सेमल्टी 'विपी', उर्वशी उपाध्याय 'प्रेरणा', ज्योति चौधरी, स्मिता चौहान, सीमा रानी प्रधान, सावित्री मिश्रा रचनाकारों के रहे।




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