रचनाकारों, कलाकारों, प्रतिभाशाली लोगों और उत्कृष्ट कार्य करने वाली शख्सियतों को प्रोत्साहित करने का विशेष मंच।
रविवार, अप्रैल 03, 2022
पुनीत अनुपम साहित्यिक समूह द्वारा आयोजित ऑनलाइन दिल महफिल साहित्यिक महोत्सव के प्रतिभागी रचनाकार सम्मानित।
पुनीत अनुपम साहित्यिक समूह द्वारा मानव शरीर के महत्वपूर्ण अंग दिल की महत्वता, विशेषता तथा उपयोगिता का अहसास लोगों को करवाने के उद्देश्य से ऑनलाइन 'दिल महफिल साहित्यिक महोत्सव' का आयोजन किया गया। जिसका विषय 'दिल है खास' रखा गया। इस महोत्सव में देश के अलग-अलग राज्यों के रचनाकारों ने भाग लिया। जिन्होंने दिए गए विषय पर आधारित एक से बढ़कर एक उत्कृष्ट रचनाओं को प्रस्तुत कर ऑनलाइन 'दिल महफिल साहित्यिक महोत्सव' की शोभा में चार चाँद लगा दिए और महोत्सव को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस साहित्यिक महोत्सव की सबसे बड़ी विशेषता वरिष्ठ रचनाकारों एवं नवीन रचनाकारों का रचनात्मक संगम रहा। महोत्सव में एक ओर जहां वरिष्ठ रचनाकारों ने अपनी विशिष्ट साहित्यिक शैली का प्रदर्शन किया तो दूसरी ओर नवीन रचनाकारों ने भी अपनी अनूठी भावनाओं और विचारों से समूह का ध्यान आकर्षित किया। इस महोत्सव में सम्मिलित सभी प्रतिभागी रचनाकार शख्सियतों को ऑनलाइन 'पुनीत हृदय अलंकार' सम्मान देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर समूह के संस्थापक एवं अध्यक्ष पुनीत कुमार जी ने दिल को ईश्वर द्वारा मानव को दी गई अनुपम भेंट तथा मानव शरीर का महत्वपूर्ण अंग बताते हुए सभी मनुष्यों को दिल की देखभाल करने की प्रेरणा दी और महोत्सव में प्रस्तुत की गई रचनाओं पर अपनी महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया देकर रचनाकारों का मार्गदर्शन तथा उत्साहवर्धन किया और सम्मान पाने वाले सभी प्रतिभागी रचनाकारों को उज्ज्वल साहित्यिक जीवन की शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही उन्होंने रचनाकारों को आने वाले ऑनलाइन साहित्यिक महोत्सवों में अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए सादर आमंत्रित भी किया। इस महोत्सव में उत्कृष्ट रचना प्रस्तुत करके समूह की शोभा बढ़ाने वालों में प्रमुख नाम कुसुम अशोक सुराणा, चंचल जैन, सीमा रानी प्रधान, संध्या शर्मा, रिंकी सिंह, मीता लुनिवाल, निधि नितिमा, स्मिता सिंह चौहान, कुमार सोनू, सुशील यादव 'सांझ' डॉ. उमा सिंह बघेल, सुनीता सोलंकी 'मीना', ज्योति चौधरी, रश्मि पोखरियाल 'मृदुलिका' रचनाकारों के रहे।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा आयोजित ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव के प्रतिभागी रचनाकार सम्मानित।
पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा लोगों को स्नेह के महत्व और विशेषता का अहसास करवाने के उद्देश्य से ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव का आयोजन किया गया...
-
बन जाते हैं कुछ रिश्ते ऐसे भी जो बांध देते हैं, हमें किसी से भी कुछ रिश्ते ईश्वर की देन होते हैं कुछ रिश्ते हम स्वयं बनाते हैं। बन जाते हैं ...
-
जीवन में जरूरी हैं रिश्तों की छांव, बिन रिश्ते जीवन बन जाए एक घाव। रिश्ते होते हैं प्यार और अपनेपन के भूखे, बिना ममता और स्नेह के रिश्ते...
-
हे प्रियतम ! आपसे मैं हूँ और आपसे ही मेरा श्रृंगार......। नही चाहिए मुझे कोई श्रृंगार-स्वर्ण मिल जाए बस आपका स्नेह.. ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें