रचनाकारों, कलाकारों, प्रतिभाशाली लोगों और उत्कृष्ट कार्य करने वाली शख्सियतों को प्रोत्साहित करने का विशेष मंच।
रविवार, फ़रवरी 20, 2022
पुनीत अनुपम साहित्यिक समूह द्वारा आयोजित ऑनलाइन स्वप्न सुनहरे साहित्यिक महोत्सव के प्रतिभागी रचनाकार 'पुनीत उत्कृष्ट रचनाकार' सम्मान से सम्मानित।
पुनीत अनुपम साहित्यिक समूह द्वारा लोगों को सपनों के महत्व का अहसास कराने के उद्देश्य से ऑनलाइन 'स्वप्न सुनहरे साहित्यिक महोत्सव' का आयोजन किया गया। जिसका विषय 'सपने हैं खास' रखा गया। इस महोत्सव में देश के अलग-अलग राज्यों के रचनाकारों ने भाग लिया, जिन्होंने एक से बढ़कर एक सपनों के महत्व तथा विशेषता पर आधारित अपनी रचनाओं को प्रस्तुत कर महोत्सव की शोभा में चार चाँद लगा दिए। इस महोत्सव में सम्मिलित सभी प्रतिभागी रचनाकार शख्सियतों को ऑनलाइन 'पुनीत उत्कृष्ट रचनाकार' सम्मान देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर समूह के संस्थापक एवं अध्यक्ष पुनीत कुमार जी ने महोत्सव में प्रस्तुत की गई रचनाओं पर अपनी महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया देकर रचनाकारों का उत्साहवर्धन किया तथा सम्मानित होने वाले रचनाकारों को शुभकामनाएं दी और सपनों की विशेषता का वर्णन करते हुए कहा कि सपने केवल कल्पना नही होते है बल्कि यह एक तरह की प्रेरणा होते हैं जो लोगों को अपने लक्ष्य निर्धारित करने तथा उस लक्ष्य तक ले जाने का साधन बनते है। इसके साथ ही उन्होंने समूह द्वारा आयोजित होने वाले विभिन्न ऑनलाइन साहित्यिक कार्यक्रमों में सम्मिलित होने के लिए हिंदी रचनाकारों को सादर आमंत्रित भी किया। इस महोत्सव में उत्कृष्ट रचना प्रस्तुत करके समूह की शोभा बढ़ाने वालों में प्रमुख नाम निरूपमा बिस्सा, कुसुम अशोक सुराणा, सावित्री मिश्रा, चंचल जैन, संध्या रामप्रीत, मंजू शर्मा, सुनीता सोलंकी 'मीना', बबीता, अनुराधा प्रियदर्शिनी, अर्चना मुकेश मेहता रचनाकारों के रहे।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा आयोजित ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव के प्रतिभागी रचनाकार सम्मानित।
पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा लोगों को स्नेह के महत्व और विशेषता का अहसास करवाने के उद्देश्य से ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव का आयोजन किया गया...
-
बन जाते हैं कुछ रिश्ते ऐसे भी जो बांध देते हैं, हमें किसी से भी कुछ रिश्ते ईश्वर की देन होते हैं कुछ रिश्ते हम स्वयं बनाते हैं। बन जाते हैं ...
-
जीवन में जरूरी हैं रिश्तों की छांव, बिन रिश्ते जीवन बन जाए एक घाव। रिश्ते होते हैं प्यार और अपनेपन के भूखे, बिना ममता और स्नेह के रिश्ते...
-
हे प्रियतम ! आपसे मैं हूँ और आपसे ही मेरा श्रृंगार......। नही चाहिए मुझे कोई श्रृंगार-स्वर्ण मिल जाए बस आपका स्नेह.. ...
पुनीत साहित्यिक समूह का हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएं