गुरुवार, फ़रवरी 24, 2022

⏲️ वक्त पर नही अपनी पकड़ ⏲️









भींच लो मुठ्ठी में हर शय,
बिगड़े न जिंदगी की लय।
कल की क्यों मनवा फिक्र ?
आज का हो सिर्फ जिक्र।
अनमोल, अद्वितीय हर पल,
जिंदगी बना दो सफल।
लक्ष्य का सदा रहे ध्यास,
कामयाबी की जिंदा रहे प्यास।
मनुज जन्म हैं बहुमूल्य,
बनाओ उसे अमृत तुल्य।
जीवन में पूनम हो या अमावस,
कुंदन सा हो जीवन का कस।
पल-पल महके जीवन उपवन,
नवरंगों से सजेगा जीवन।
सायों की गिरफ्त में हो कानन,
या रश्मियों सजा-धजा गगन।
अनुभव की भट्टी में तपेगा यौवन,
फौलाद सा निखरेगा जीवन।
वक्त पर है नही अपनी पकड़,
रख लो उम्मीदों से जकड़।
कौन पल आएगा बुलावा,
वक्त ठहर कर करेगा छलावा।
बिखर जाएगी उम्मीदों की बस्ती,
जिंदगी न बन जाए सस्ती।
लूट लो जी-जान से मस्ती,
फिर भले ही मिट जाए‌ पल में हस्ती।
      
✍️ कुसुम अशोक सुराणा ( मुंबई, महाराष्ट्र )


1 टिप्पणी:

पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा आयोजित ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव के प्रतिभागी रचनाकार सम्मानित।

पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा लोगों को स्नेह के महत्व और विशेषता का अहसास करवाने के उद्देश्य से ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव का आयोजन किया गया...