वक्त बेवक्त यह वक्त सताता है
ये वक्त ही वक्त की कीमत बताता है
वक्त की कद्र करले बंदे
वक्त की कद्र ना करके
वक्त के आगे तू अपनी क्यूं कद्र गंवाता है
वक्त बेवक्त यह वक्त सताता है
ये वक्त ही वक्त की कीमत बताता है
ये वक्त ही तो है
जो मुफ्त में जिंदगी का पाठ पढ़ाता है
पर मुफ्त में मिली चीज की
तू बड़ी कीमत चुकाता है
वक्त बेवक्त यह वक्त सताता है
ये वक्त ही वक्त की कीमत बताता है।
एक चेहरे के पीछे छुपे
कई चेहरों के पर्दे
ये वक्त ही तो हटाता है
कौन अपना, कौन पराया है
वक्त आने पर ये वक्त ही बताता है
वक्त बेवक्त ये वक्त सताता है
ये वक्त ही वक्त की कीमत बताता है।
करता जा तू नेक काम वक्त-वक्त पे
कुछ खुशियां तेरे बुरे वक्त पे
वापस यह वक्त तुझे दे जाएगा
यह वक्त है साहेब
अच्छा हो या बुरा
वक्त सबका आएगा
ये वक्त का पहिया है
घूम-फिर कर वापस सब लौटाता है
वक्त बेवक्त ये वक्त सताता है
ये वक्त ही वक्त की कीमत बताता है।
✍️ रेखा रतनानी ( नर्मदापुरम, मध्य प्रदेश )
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