गुरुवार, जनवरी 13, 2022

☀️पहली किरण ☀️

ये खिड़की रोज सुबह
मन को आनंद विभोर
कर देती है
जब सूरज की
पहली किरण
चहरे को छूकर
प्यार से सहलाती है
तो अनायास ही
माँ याद आती है

एक सुकून भरी
मुस्कान और
चिड़ियों की
चहचहाहट के साथ
जब हम अपनी
आँखे खोलते है
और देखते है
ये नीम का पेड़
अपने पत्तों को
यूँ हिलाता है जैसे
माँ आपना आँचल
झल रही हो हम पर

सच में हर रोज
सुबह का ये आलम
हमारे सारे दिन को
ऊर्जावान बनायें
रखता है और एक
सुकून भरी ज़िंदगी
जीने को सदैव
उत्साहित करता है

            ✍️ संध्या रामप्रीत ( पुणे, महाराष्ट्र )








कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा आयोजित ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव के प्रतिभागी रचनाकार सम्मानित।

पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा लोगों को स्नेह के महत्व और विशेषता का अहसास करवाने के उद्देश्य से ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव का आयोजन किया गया...