इतना गहरा दिल, लाल रंग से रंगा
कितना कोमल, कितना नाज़ुक,
अपने में ना जाने कहाँ शिकायत रखता है।
इतना कैसे संभलता है ये दिल,
अपने में ना जाने कहाँ शिकायत रखता है।
इतना कैसे संभलता है ये दिल,
प्रेम से कोई दिल में झाँके तो यूँ स्नेह बरसाता है।
इतनी हसरतें, दिली ख़्वाहिश अरमां,
इतनी हसरतें, दिली ख़्वाहिश अरमां,
जो दिल में रहा उस पर भी अमल करता है।
इतने घबराहट में जब ऐ दिल तुम होते हो,
इतने घबराहट में जब ऐ दिल तुम होते हो,
परेशान माथे पर पसीना आता है।
इतनी बेचैनी से दिल होता व्याकुल,
इतनी बेचैनी से दिल होता व्याकुल,
और मन चारों ओर घर में चहल क दमी करता है।
इतनी मिन्नतें माँगते ईश्वर से,
इतनी मिन्नतें माँगते ईश्वर से,
तुम हर वक्त सलामत रहना,
तुम प र जीवन की साँसें क़ायम रहती है ।
इतनी सी ख़ुशियों पर दिल खोलकर हँसता हैं मन, और अपनी मौजूदगी बताता है।
इतने ग़मों की परछाईं पर दिल जार-जार रोता हैं,
इतनी सी ख़ुशियों पर दिल खोलकर
इतने ग़मों की परछाईं पर दिल जार-जार रोता हैं,
और दोस्त बन सा थ भी निभाता है।
इतने मोहब्बत से दिल में हर पल,
इतने मोहब्बत से दिल में हर पल,
धड़कते धड़कन, एक दूसरे के प्रे म का आभास कराता है।
इतने में दिल ने हिम्मत की,
इतने में दिल ने हिम्मत की,
हों ठों ने बातों को अनसुनी की,
दिल ने होंठों को समझाया, खुद हृदय इज़हार करता है ।
इतनी लगन लगी हृदय से हर पल,
इतनी लगन लगी हृदय से हर पल,
इं तज़ार संग प्यार करते,
मधुर पल के रिश्ते तो दिलों का दर्पण हो ता है।
इतने से आहट पर इंतज़ार में,
इतने से आहट पर इंतज़ार में,
हृदय धड़कती जीवन में रंग बहार का लाता है।
इतने से कुछ पल जब तुम उदास रहते,
इतने से कुछ पल जब तुम उदास रहते,
जिया व्याकुल होता और तन सालों,
बीमार सा कमजोर लगता है।
इतना अहंकार दिल में कभी मत पालो,
इतना अहंकार दिल में कभी मत पालो,
अभिमान की नाव हमेशा डूबती है।
इतना सारा राज छुपाता छोटा सा मा सूम दिल, बेचारा अपने में सब स मेटता है।।
इतना सारा राज छुपाता छोटा सा मा
✍️अर्चना वर्मा ( क्यूबेक, कनाडा )
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