शुक्रवार, दिसंबर 31, 2021

🦚 सुस्वागतम् ! नव वर्ष 🦚

 

लविदा ! अलविदा !!
बीते साल को अलविदा ! 
2021 को अलविदा !

जिंदगी की किताब का,
खुल गया नया पन्ना ....
कोरे कागज पर अल्पना, 
नए साल की अनुपम कल्पना।
 
ख्वाबो की दहलीज पर, 
जगमगाया नन्हा दीया।
चांदनी में खूब नहाया ....
जर्रा-जर्रा, कोना-कोना।

खुशियों को 'चियर्स' कर...
गीत नए गुनगुनाए जा।
जिंदगी की हाला से भरा-पूरा, 
जाम से जाम टकराएं जा ....

स्वागतम् ! सुस्वागतम् ! 
नव वर्ष का स्वागत है !!

नव वर्ष की अनुपम बेला है,
खुशियों का रेलम-पेला है,
जिंदगी की झोली में,
चंद लम्हों का सतरंगी मेला है।

आज झूम ले तू मनवा।
कल किसने देखा है ?
दिल से दिल मिला ले।
मिल-बैठकर मुस्कुरा ले।

जिंदगी के आँचल तले,
गले मिल इस कदर,
धड़कने पल-पल तेज हो,
मदमस्त हो दर-बदर
रोते हुए आये हैं सब मगर,
हँसते हुए जायेंगे हम।
बीते अनमोल लम्हों की सौगात,
सारे जहां को बांटेंगे हम।।

        ✍️ कुसुम अशोक सुराणा ( मुंबई, महाराष्ट्र )




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