नया साल नया दिन
उमंगों के रेले
तरंगों के हिलोरे
न जाने कितने रंग
न जाने कितने कैनवास
वही कूची वही कलम
पर पास हैं
आज कई रंग सब रंग...
लिख डालें एक नई इबादत देखो
फिर से ये साल नया भाग आया
कहा मुस्कुराकर ऐ इंसान
तू हर बार है मुझको भाया
बीता वक्त कुछ अजीब था
पर कुछ सबक के लिए लाजमी
ले आया भरकर पोटली खुशियों की......
नये हौसले नये अरमानों की....
डोरी बँधी है नयी आशाओं को लेकर
आशीष दुआओं में फिर नया साल आया है
अब जो आया हूँ मैं ...
इस साल बिखेर दो खूब
मुस्कुराहट फिजाओं में
मनाओ जश्न कि
मैं इस बार खुलकर आया हूँ.....
तुम्हें नये रंगों से भरने
मैं नया वर्ष आया हूँ....
✍ प्रीति धुर्वे ( ग्वालियर, मध्य प्रदेश )
अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंहैप्पी न्यू ईयर
फॉर यू
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं