शुक्रवार, दिसंबर 31, 2021

🦚 नव वर्ष साहित्यिक महोत्सव 🦚

मिलती धार लेखनियो को,
मिल रही पहचान छुपे चेहरों को।

आरंभ हो चुका था बहुत पहले,
अब उड़ान मिल रही है इन पंखों को।

तलाशने की हुनर वजह बन,
निरंतर पोषित करते नव लेखनियों को।

ये प्रयास है बेहतर से बेहतर चयन का,
है ये पल नव वर्ष साहित्यिक महोत्सव का।

कुछ खास कुछ अलग परिस्थितियों में,
ये आयोजन है पुनीत अनुपम प्रयास का।

मिलती धार लेखनियो को,
मिल रही पहचान छुपे चेहरों को।

आरंभ हो चुका था बहुत पहले,
अब उड़ान मिल रही है इन पंखों को।

         ✍️ हरिचंद यादव ( बलौदा बाजार, छत्तीसगढ़ )






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