जब चलता है गणित का जादू
हो जाती छुट्टी अच्छे-अच्छो की
जोड़, घटा, गुणा, भाग करते धमाल
थोड़ा भी कच्चा हो गणित में कोई
सब चौकड़ी भूल जाए
अंकगणित हो या बीजगणित
सबके समझ ना आ पाये
रेखागणित में कोई-कोई मात है खा जाए
स्केल, चाँदे से कोण के जगह दिन में
ही चाँद-तारे नजर आ जाए
गणित नही इतनी आसान
जितनी नजर आए
पहाड़ों के पहाड़ हर कोई
आसानी से चढ़ न पाए
शून्य में बैठा शून्य का महत्व
ना सरलता से समझ पाए
आगे पीछे लगे शून्य तो
संख्या में बड़ा अंतर आ जाए
गणित का जादू सीख लो
बाद में कहीं पछताना ना पड़ जाए
✍️ मीता लुनिवाल ( जयपुर, राजस्थान )
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