सोमवार, दिसंबर 20, 2021

🍁 आदरणीय श्रीनिवास रामानुजन 🍁

छोटे उम्र से ही श्रीनिवास रामानुजन जी को,
गणित की लगी लगन,
आने वाली हर परेशानी को झेलते वह, पर हार नहीं माने,गणित के प्रति अपने प्यार को कम नही होने दिया, 
गणित की दुनियां में वो हर पल खोये रहते थे
गणि ही चिंतन
गणित छोड़ कुछ नही भाता था
कठिन से कठिन प्रश्न खेल-खेल से चुटकी में हल कर देते थे।।

विधा की देवी माँ सरस्वती, और गणित किताब को वो पूजते थे,

वो माँ धन्य है जो इन ज्ञानदीप रत्न को जन्म दी

गणित में ही उनकी खोजगणित ही साधना, गणित ही जीवन जीने का उद्देश्य

जिनके लाल ने देश-विदेश गणित का परचम फहराया।।


हम देश वासी है गौरवान्वित गौरवशाली गणित दिवस पर

गणित इतिहास में देश के नये प्रतिभा लाल का आगमन हुआ

उदयमान की छटा दे सब मन ही मन उत्साहित और 

हर्षित थे

विश्व में यह अति सुंदर पल बनकर आया था,

जिज्ञासा से भरी चमकती आखें एक अलग ही पहचान देती थी, 

अपने दोस्तों बीच व्यवहार इतना सौम्य था,

कि कोई इनसे नाराज हो ही नहीं पाता था।।


गणित के प्रति उनका अथाह सागर,

जैसे प्रेम इतना बढ़ गया था

कि वे अपना जीवन गणित के ओर कदम बढ़ाते गए,

अपने प्रतिभा और लगन से उन्होंने गणित के क्षेत्र में अद्भुत अविष्कार किए

देश को अतुलनीय गौरव भी प्रदान किए

अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशन पूरे विश्व में प्रसिद्ध हुए, 

और लोगों में चर्चि रहे,

गणित क्षेत्र में उनके तुल्य योगदान से सभी थे प्रभावित,

गणित मस्तिष्क को तरोताज़ा रखता है।।


                  ✍️ अर्चना वर्मा ( क्यूबेक, कनाडा )



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