बुधवार, नवंबर 24, 2021

💢 दिखावटी दुनिया 💢

सुमन ने अपनी छोटी आंखों को मिचमिचाते हुए, खोलने का प्रयत्न किया। धूप सीधे उसके चेहरे पर थी। उसने मजबूरन एक हाथ का पकड़ा थैला, दूसरे हाथ के थैले के साथ पकड़ते हुए, आंखों के ऊपर छज्जा सा बनाकर सड़क की तरफ देखा। कार से उतर कर आती हुई माया मैडम की गरिमामय आकृति वह पहचान गई। उसने अपने चेहरे पर पहना हुआ मास्क ठीक किया।

माया उसे ध्यान से देखती हुई एक निश्चित दूरी पर आ कर रुक गई।

सुमन ? सुमन नाम है ना तुम्हारा ? माया ने पूछा। जी, सुमन ने झेंपते हुए हामी भरी, जैसे कि उसका नाम सुमन होना कोई शर्म की बात है। माया ने मास्क के भीतर से ही कुछ ऊंची आवाज़ में कहा, यहां खाना रख रही हूं। जब इशारा करें तभी बैग उठाना। ठीक है ?

सुमन ने स्वीकृति में सर हिला दिया।

माया ने एक कपड़े का थैला जमीन पर रख दिया। सुमन उसे देखकर मन ही मन खुश हुई, अंदाजन पांच किलो वजन होगा,, उसने सोचा,और वह धीरे धीरे थैले तक पहुंच गई। उसने माया की तरफ देखा ,सुमन की आंखों की मुस्कुराहट को नजरंदाज करते हुए ,माया ने पीछे खड़े फोटोग्राफर को इशारा किया।

सुमन ने धीरे से झुक कर थैला उठा लिया।

फोटो में माया पैकट देते हुए,और सुमन पैकेट लेते हुए, खूबसूरती से कैद हो गए। फोटोग्राफर अपना काम खतम करके सड़क किनारे खड़ी कार की तरफ माया मैडम के साथ विचार विमर्श करते हुए,चल पड़ा।

 उनकी आज की पोस्ट का फोटो तैयार था।

 रोज कोरोना पीड़ितों को मुफ्त खाना बांटने की मुहिम। अखबार में प्रकाशित होती माया की लोकप्रियता की मुहिम।

  इधर सुमन ने अपने थैलों को संभाला और तेज कदमों से बस्ती की तरफ चल दी।

  वहां उसे घरों में बंद बीमार लोगों को खाना देना था। बीमार, बेरोजगार, गरीब दिहाड़ी मजदूर, जो लॉकडाउन में अपने घरों के भीतर भूखे और बेबस हैं, उन्हे खाना, राशन बांटती सुमन लोगों से आवाज़ लगाती, पूछती जाती थी, क्या लाऊं कल क्या चाहिए ? यहां खाना बांट कर सुमन को अस्पताल अपनी ड्यूटी पर भी जाना है।

    दान मिला खाना बांटती सुमन का फोटो खींचने वाला कोई न था।

            उसके मन की सुंदरता का प्रचार करने वाला कोई न था।

                                     

                                ✍️ दिव्या सिंह ( द्वारका, नई दिल्ली )

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा आयोजित ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव के प्रतिभागी रचनाकार सम्मानित।

पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा लोगों को स्नेह के महत्व और विशेषता का अहसास करवाने के उद्देश्य से ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव का आयोजन किया गया...