सुंदरता में लक्ष्मी रूप हैं नारी, आँखों में बसे हैं गहरे सागर।।
सुंदरता में सरस्वती रूप हैं नारी, मंजु वन में कंठ विद्या धुन में बसी आत्मा।।
सुंदरता में पार्वती रूप हैं नारी, सौभाग्य महाबला, शिव अर्धांगिनी।।
सुंदरता में सीता रूप हैं नारी, मर्यादा सहनशीलता की देवी।।
सुंदरता में अन्नपूर्णा रूप हैं नारी, खान पान का भंडार।।
सुंदरता में सावित्री रूप है नारी, पतिव्रता में कष्ट निवारणी गृह स्वामिनी ।।
सुंदरता में राधा रूप हैं नारी, प्रेम स्नेह की कोमल छवि।।
सुंदरता में मीरा रूप है नारी, प्रेम भक्ति लीन की योगिनी।।
सुंदरता में मदर-टेरेसा रूप है नारी, सेवा-साधन की पहचान।।
शक्ति में काली, दुर्गा, चंडी रूप अवतार हैं नारी।।
नारी है, सम्पूर्ण विश्व विधाता की सुंदरता।।
सुंदरता इस बात पर निर्भर करती हैं, जिसके मन में कैसी सोच हैं।।
सुंदरता में मन और दिल को देखना,
चेहरे की सुंदरता आँखों में समाती हैंं, स्वभाव की सुंदरता हृदय में बसती हैंं
सुंदरता देखने वालों के नज़र में होती,
अगर सोच खूबसूरत हैं, तो ईश्वर की हर कृति सुंदर नजर आती हैं।।
सुन्दर होते हैं इंसान के कर्म, विचार और वाणी, व्यवहार और संस्कार,
जिससे जीवन में सब कुछ है,
असल दुनियाँ में सब से सुन्दर रचना इंसान का मन है।।
नारी की सुंदरता में गोरे या काले रंग की त्वचा में भेदभाव ना हो,
नारी की सुंदरता में समाए सारे गुण,
नारी खुद पर विश्वास रखती हैं और दृढ़ संकल्प से आगे बढ़ती।।
चट्टान जैसी मजबूत होते और वृक्ष सी सृजनशील होती ओस के बूँद सी चमक से चमकती।।
फूल सी कोमल, नाजुक होती, चिड़ियाँ सी हौसलों से बुलंद उड़ान भरती।।
नदी जैसे चंचल मन से सभी के मन में रहती, समुद्र जैसे विशाल हृदय में सब समेट कर रखती है।।
नारी हैं सुंदर, सुंदरता हैं नारी।।
✍️ अर्चना वर्मा ( क्यूबेक, कनाडा )
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