देखो कितना यह हृष्ट-पुष्ट है
यह कुत्ता तो बड़ा दुष्ट है
जंगल में इक कुत्ता आया
वो खरगोश के पीछे दौड़ा
खरगोश भागा भागा सा
गोमाता के ही पास आया
खा खाकर हुआ बलिष्ठ है
यह कुत्ता तो बड़ा दुष्ट है
माँ मुझे यह मारण आया
इसने मुझे बहुत दौड़ाया
अपने सींगो से इसको मारो
माँ इसके भय से मुझे उबारो
यह बना बहुत ही क्लिष्ट है
यह कुत्ता तो बड़ा दुष्ट है
माँ बोली भाई तू आया लेट
मुझको घर जाना हो रही देर
मेरा बछड़ा भी भूखा होगा
बार-बार मुझे पुकारता होगा
ख़ुद को समझ रहा विशिष्ट है
यह कुत्ता तो बड़ा दुष्ट है
गोमाता को थी बड़ी जल्दी
घोड़े पास जा भाई, कह वह चलदी
बोला खरगोश घोड़े भाई बचाओ
मुझको भी अपने संग चराओ
मेरे पीछे कुत्ता पड़ा, मित्र है
यह कुत्ता तो बड़ा दुष्ट है
घोड़ा बोला बात तेरी ठीक
तुम कैसे चढोगे मेरी पीठ
यार मै बैठ नही पाता हूँ
मैं बैठे-बैठे ही सो जाता हूँ
आजकल मेरे बढ़े सुम है
यह कुत्ता तो बड़ा दुष्ट है
निराश हो चल दिया खरगोश
गधे के पास मनाया अफसोस
मित्र गधे पाजी ! कुत्ते को मारो
अपनी इक दुलत्ती इसपे झाड़ो
गधा तो गाय, घोड़े के संग है
यह कुत्ता तो बड़ा दुष्ट है
इन दोनो के साथ मैं जाऊं घर
वरना मेरा मालिक मारेगा धर
पीटते-पीटते निकाले कचूमर
मैं यहाँ ना ठहरूँ अब इक पल
मिलेगा कैसे इसको दंड है
यह कुत्ता तो बड़ा दुष्ट है
खरगोश बकरी के पास आया
बकरी बोली भाई इधर न आ
तेरे पीछे इक कुत्ता आ रहा
मुझको उससे है डर लग रहा
निराश खरगोश हुआ त्रस्त है
यह कुत्ता तो बड़ा दुष्ट है
खरगोश छिपा इक झाड़ी में
बहुत ढूंढा अब कुत्ते अनाड़ी ने
उसे खरगोश का ना पता मिला
अब खरगोश झाड़ी से निकला
औरों के भरोसे बड़े कष्ट है
यह कुत्ता तो बड़ा दुष्ट है
✍️ सुनीता सोलंकी 'मीना' ( मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश )
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