घर घर बाजन लगी बधाई।।
घर घर मंगल दीप जलाओ।
तोरण वन्दनवार सजाओ।।
सियाराम की सुन्दर झाँकी।
उर न समात मनोहर बाँकी।।
श्यामल गौर मनोहर जोड़ी।
विनय करूँ सादर करजोड़ी।।
राम बसो मन मन्दिर आयी।
तज मद प्रभु करो सेवकाई।।
रामनाम मनि दीप समाना।
सुमिरत नाम मिटे अभिमाना।।
पावन नाम राम कर नामा।
सुमिरत पावें मन अभिरामा।।
राम नाम जीवन आधारा।
भवसागर का है पतवारा।।
भक्तन वत्सल दया निधाना।
त्याग समर्पण के प्रतिमाना।।
राम राज व्यापे चहुंओरा।
दुख संताप मिटे अंधेरा।।
✍️ मन्शा शुक्ला ( सरगुजा, छत्तीसगढ़ )
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