हुआ हर घर जगमग-जगमग,
पड़े श्री राम के अयोध्या में ज ब पग।
मानव रूप ले किए प्रभु ने ऐसे अ द्भुत काम,
मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए श्री राम।
काट कर 14 वर्ष का वनवास,
हर मानव को कर्तव्य पालन सिखाने का किया प्रयास।
हर वर्ष लेकर आता दीपावाली त्यो हार,
आनंद और उत्साह का उपहार।
समूचा वातावरण हो जाता प्रकाशमय,
घट जाता अंधेरा मिट जाता भय।
भक्तिमय होकर लेते सब प्रभु की शरण,
मंत्रमुग्ध हो भूल जाते सब ग़म छू उनके चरण।
भारत की आत्मा प्रभु राम,
बनाते वही हमारे बिगड़े काम।
दीपावली रोशनी का त्योहार,
सिखाता मिटाना अपने अंदर का अं धकार।
दीपावली सिखाती करना मानवीय व्यवहार।
सज गए नगर प्रकाशमय हुई डगर।
पधारेंगे हर घर पालनहार।
जप सिया-राम धन्य हुई हर श्वा स,
भारत के कण-कण में श्री राम करते वास।
पड़े श्री राम के अयोध्या में ज
मानव रूप ले किए प्रभु ने ऐसे अ
मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए श्री राम।
काट कर 14 वर्ष का वनवास,
हर मानव को कर्तव्य पालन सिखाने
हर वर्ष लेकर आता दीपावाली त्यो
आनंद और उत्साह का उपहार।
समूचा वातावरण हो जाता प्रकाशमय,
घट जाता अंधेरा मिट जाता भय।
भक्तिमय होकर लेते सब प्रभु की शरण,
मंत्रमुग्ध हो भूल जाते सब ग़म
भारत की आत्मा प्रभु राम,
बनाते वही हमारे बिगड़े काम।
दीपावली रोशनी का त्योहार,
सिखाता मिटाना अपने अंदर का अं
दीपावली सिखाती करना
सज गए नगर प्रकाशमय हुई डगर।
पधारेंगे हर घर पालनहार।
जप सिया-राम धन्य हुई हर श्वा
भारत के कण-कण में श्री राम करते वास।
✍️ इंदु नांदल ( बावेरिया, जर्मनी )
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