इस जहां में सबसे प्यारी-अनमोल
चीज कोई है, तो वो हैं आँखें
इनके बिना सब सूना-सूना सा
हम देखते दुनिया इससे ही है
इससे प्रकृति की सुंदर-सुंदर छटा देखते
सुंदर, पेड़-पौधे, फूल-पत्तियां और घटा देखते
देखते ये हँसी नज़ारे ये चाँद, ये तारे सुनहरे
देखते ऊंचे-ऊंचे पर्वत और समुद्र गहरे-गहरे
अगर आँखें ना होती तो हम कैसे पाते रह
अंधकार में डूब जाता तब हमारा जीवन यह
आँखें हैं इसलिए तो हम सुविधा से सारे काम कर लेते
कौन भला है कौन बुरा है आँखों से पहचान लेते
पर क्या करें कद्र नही लोगो को इस खजाने की
रखते नही ध्यान वे इन अनमोल आँखों का
टी०वी०, मोबाइल, कम्प्यूटर, लेपटॉप पर
बस यूँ ही लगे रहते है दिन और रात।।
✍️ मीता लुनिवाल ( जयपुर, राजस्थान )
अत्यंत सुंदर रचना 👌
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