बुधवार, अक्टूबर 06, 2021

🌿 पूर्वज और उनकी शिक्षाएं 🌿


पूर्वज थे पूर्व में हरि हमारे, प्रकृति पूजन हमको सिखलाए
सरिता, गिरि, पयोधि, तरू को पूजनीय, देव-तुल्य बतलाए
कुदरत से शिक्षा ग्रहण किए, आग जलाने फिर सिखलाए
आदिम युग से निकल कर पूर्वज, कंदराओं से बाहर आए।


चाक बनाकर चकित हुए, फिर उपयोगी कुछ यंत्र बनाए

मानव-सेवा उद्देश्य से पुरखों ने, अनगिनित संयंत्र बनाए

वायुयान–सा यान बनाकर नभ में उड़ना हमको सिखलाया

राकेश ने राकेश पर जाकर विजय-ध्वज अपना फहराया।


रंग-बिरंगी संस्कृति हमें दी, सर्वधर्म फिर हमने अपनाया

वसुधैव-कुटुम्बकम् नीति विश्व को हमने ही सिखलाया

आर्यभट्ट, चरक, पतंजली, कपिल ने आरोग्य का मंत्र दिया

वेद, उपनिषद, पुराण और गीता, रामायण-सा ग्रंथ दिया।


श्री राम प्रभु ने रामायण में मानव-सेवा ही धर्म बताया

मातृ-पितृ ईश जगत के, वचन पालन करके सिखलाया 

जटायु संग पितृ-तर्पण किए, पितृपक्ष का महत्व बताया

श्री कृष्ण ने गीता में जीवन-मृत्यु का रहस्य समझाया।


जीवन के पग-पग पर हमको पूर्वज हैं सच मार्ग बताते

इतिहास से सीख कर मानव मंजिल को आसान बनाते

माता हैं वसुधा हमारी, हैं देवों ने यहाँ पर जन्म लिया

पुरखों से ज्ञानामृत पाकर उत्कृष्ट जीव का कर्म किया।  

           

       ✍️ सरोज कंचन ( कानपुर, उत्तर प्रदेश )

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