सदियों से सुनते आए हम कहानियां,
दादा-दादी, नाना-नानी की जुबानियां।
बहुत सी अच्छी बातें जो पीढ़ियों से सराही गई,
हम उनका पालन करके क्यों ना जीवन को दिशा दे सही।
बड़े बुज़ुर्गों का तजुर्बा और अनुभव,
डालता है जीवन के संघर्षों पर प्रभाव।
उनसे सीखी गई कुछ बातें है ऐसी,
ठंड में मिली बेशकीमती धूप की जैसी।
रात को जल्दी सोकर अच्छी बात सुबह जल्दी उठना,
घर के काम-काज मे सब का हाथ बंटाना।
बड़ों का हमेशा आदर करना,
सारी फल-सब्जियां खाना, नियमित व्यायाम करना।
जिससे स्वास्थ्य को होगी हानि ऐसी चीजों का सेवन ना करना,
गलत बातों से और चीजों से परहेज़ है हमेशा करना।
मिट्टी के बर्तन, चूल्हे पर पकाकर खाना जो खिलाया उन्होंने,
हमे वह आनंद आधुनिक चीजों मे कहाँ है मिलना।
प्रकृति की देखभाल करना है पूर्वजों ने सिखलाया,
नेकी करके सफलता पाने का मार्ग भी पूर्वजों ने दिखलाया।
दादा-दादी, नाना-नानी की जुबानियां।
बहुत सी अच्छी बातें जो पीढ़ियों से सराही गई,
हम उनका पालन करके क्यों ना जीवन को दिशा दे सही।
बड़े बुज़ुर्गों का तजुर्बा और अनुभव,
डालता है जीवन के संघर्षों पर प्रभाव।
उनसे सीखी गई कुछ बातें है ऐसी,
ठंड में मिली बेशकीमती धूप की जैसी।
रात को जल्दी सोकर अच्छी बात सुबह जल्दी उठना,
घर के काम-काज मे सब का हाथ बंटाना।
बड़ों का हमेशा आदर करना,
सारी फल-सब्जियां खाना, नियमित व्यायाम करना।
जिससे स्वास्थ्य को होगी हानि ऐसी चीजों का सेवन ना करना,
गलत बातों से और चीजों से परहेज़ है हमेशा करना।
मिट्टी के बर्तन, चूल्हे पर पकाकर खाना जो खिलाया उन्होंने,
हमे वह आनंद आधुनिक चीजों मे कहाँ है मिलना।
प्रकृति की देखभाल करना है पूर्वजों ने सिखलाया,
नेकी करके सफलता पाने का मार्ग भी पूर्वजों ने दिखलाया।
✍️ अनुपमा कडवाड़ ( मुंबई, महाराष्ट्र )
सही कहा पूर्वजो ने बहुत कुछ अच्छा सीखाया
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