रविवार, अक्टूबर 31, 2021

☀️ दीपावली ☀️

 

 दीपों की अवली भाती मुझे
 नन्ही सी ज्योति लुभाती मुझे
 सच है यह दूर भगाता है तमको
 इसीलिए दीप दिखाते हैं यम को
 इन दीपो में छिपे हैं संदेश बड़े
 मत हतप्रभ हो यूं खड़े-खड़े
 उम्मीद की चमक नैनों में भरे
 मन के विश्वास को दृढ़ यह करे
 चांद जब समेट लेता चांदनी
 अंधेरी होती अमावस की यामिनी
 पर उन्हें क्या पता दीपों की यह अवली
 तम को दूर कर बिखेरेगी चांदनी
 दीपों की तरह हौसला रखना मन में
 एकता का संदेश देना जन-जन में
 एक दूसरे का हाथ थाम रखना अपने पन में
 दीपक सा उजाला पाओगे कण-कण में


                    ✍️संध्या शर्मा ( मोहाली, पंजाब ) 


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