एक चाँद के पास देखो,
उसका चमकता हुआ सितारा है।
एक चाँद को देखता,
दूर से ये सुंदर संसार सारा है।
एक चाँद को ना देखकर भी,
दिखता चाँद सा चेहरा वो प्यारा है।
एक चाँद ने वर्ष भर राह देखकर,
एक चाँद से माँगा सौभाग्य सारा है।
एक चाँद ने खुद में ही,
अपने चाँद को शिद्दत से निहारा है।
सरहद पर खड़े किसी एक चाँद ने,
कई चाँद को सुहागिनो कि मांगो में सँवारा है।
मिलेगा वो कैसे कभी,
जिसके होने से धड़कनो को चाँद का सहारा है।
कहे जहान ये सारा कुछ भी रोज हमसे,
हममें छुपा हमारा चाँद ही सबसे प्यारा है।
मजहबों के बीच भी हुआ चाँद का,
एक प्यारा सा बँटवारा है।
ईद पे ये एक चेहरे की मुस्कान,
तो चौथ पर सुहागन की आस्था का प्रतीक और सहारा है।
कभी ये चाँद प्रेमी-प्रेमिका का चेहरा,
कभी मामा के प्यार की धारा है।
उसका चमकता हुआ सितारा है।
एक चाँद को देखता,
दूर से ये सुंदर संसार सारा है।
एक चाँद को ना देखकर भी,
दिखता चाँद सा चेहरा वो प्यारा है।
एक चाँद ने वर्ष भर राह देखकर,
एक चाँद से माँगा सौभाग्य सारा है।
एक चाँद ने खुद में ही,
अपने चाँद को शिद्दत से निहारा है।
सरहद पर खड़े किसी एक चाँद ने,
कई चाँद को सुहागिनो कि मांगो में सँवारा है।
मिलेगा वो कैसे कभी,
जिसके होने से धड़कनो को चाँद का सहारा है।
कहे जहान ये सारा कुछ भी रोज हमसे,
हममें छुपा हमारा चाँद ही सबसे प्यारा है।
मजहबों के बीच भी हुआ चाँद का,
एक प्यारा सा बँटवारा है।
ईद पे ये एक चेहरे की मुस्कान,
तो चौथ पर सुहागन की आस्था का प्रतीक और सहारा है।
कभी ये चाँद प्रेमी-प्रेमिका का चेहरा,
कभी मामा के प्यार की धारा है।
✍️ सीमा शुक्ला "चाँद" ( खंडवा, मध्य प्रदेश )
सुंदर रचना
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