हिंदी हमारी हिन्द की भाषा,
जिसने हमारी भावनाएं संवारी है।
हम इसके चरणों में अर्पित,
हम इसके आभारी हैं।
मन मंदिर में छाई है हिंदी,
सबके मन को भायी है हिंदी।
मान नही किया कभी इसने खुद पे,
पर कई भाषाओं को हँस के,
अपनाई है हिंदी।
करोड़ों लोगों का बोल है हिंदी,
सचमुच बड़ी अनमोल है हिंदी।
राष्ट्र की बुनियाद है हिन्दी।
अन्तर्राष्ट्रीय प्रभाव है हिन्दी।
हिन्द फौज की दहाड़ है हिन्दी।
आम जनता की पुकार है हिन्दी।
✍️ डॉ० उमा सिंह बघेल ( रीवा, मध्य प्रदेश )
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