आदर्शों की मिसाल बनकर
बाल जीवन संवारता गुरु
सदाबहार फूल-सा खिलकर
महकता और महकाता गुरु
नित नए प्रेरक आयाम लेकर
हर पल भव्य बनाता गुरु
संचित ज्ञान का धन हमें देकर
खुशियाँ खूब मनाता गुरु
पाप व लालच से डरने की
विशेष सीख सिखाता गुरु
देश के लिए मर मिटने की
बलिदानी राह दिखता गुरु
प्रकाशपुंज का आधार बनकर
कर्तव्य अपना निभाता गुरु
प्रेम सरिता की बनकर धारा
नैया पार लगता गुरु
✍️ मुकेश बिस्सा ( जैसलमेर, राजस्थान )
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