अभी भी हम,
नही भूले हैं अपने,
सुनहरी दिनों की,
याद को संजोये है,
बचपन के वो दिन।
जब धूल मिट्टी पर,
खेला करते थे,
पढ़ाई पर ध्यान नही देते थे,
पर अभी भी मेरे लिए खास है,
बचपन के वो दिन।
कभी ठंड का एहसास नही,
गर्मी का मज़ा लिया करते थे,
झूठ-मूठ का लड़ना-झगड़ना,
अभी भी हमें याद है,
बचपन के वो दिन।
बचपन का गुज़रा,
वो पल बहुत सताता है,
हरपल बचपन याद हमें आता है,
काश ! लौटा सकता कोई,
बचपन के वो दिन।
✍️ रामभरोस टोण्डे ( बिलासपुर, छत्तीसगढ़ )
सुंदर 👌
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