सही राह पर चलना है,
गुरुवर ने ज्ञान दिया है,
परोपकार, भाईचारा, मानवता,
का,
जो राह हमें दिखायी,
वही हम औरों को दिखाये,
सच्चाई और सहानभूति को,
आगे हम और बढ़ाये,
गुरु की महिमा को
कोई न समझ पाया,
कठिन डगर हो या कांटों वाली,
उस पर चलना सिखाया,
जीवन के हर मोड़ पर,
गुरु के आदर्श जरुरी है,
न हो गुरु जीवन में,
तो जीवन अंधियारा है,
माना है जग ने भगवान से पहले,
गुरु नाम तुम्हारा है,
जो राह दिखाई तुमने,
उस पर चलते जाना है,
चाहें हो कांटों का सफ़र,
हंसकर बढ़ते जाना है,
हे गुरु तुम्हें शत्-शत् नमन ।।
✍️ गरिमा ( लखनऊ, उत्तर प्रदेश )
शिक्षक दिवस पर गुरु को समर्पित सुंदर कविता ।
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