सोमवार, सितंबर 13, 2021

🍁 हिंदी का गौरव 🍁

हिंदी है हमारी संस्कृति हिंदी है हमारी भाषा, 
हिंदी में सब साज सजाऊं हिंदी हमारी अभिलाषा।

सुन्दर है सरल है मीठी-मीठी बातों में रहती जिज्ञासा, 
साहित्य को भिन्न-भिन्न तरह से बुनती है यह हिन्दी भाषा।

कवि सूरदास जैसे सब माने इसे अपनी मातृ भाषा,
तुलसीदास, कबीर ने भी बनाई इसकी एक नई परिभाषा,

हिंदी शब्द स्वर-व्यंजन में रहती अमिट पहचान है, 
हमारी सब स्वर साज का शुभ हिंदी वरदान है।

मैथिली, दिनकर, पंत, निराला का हिंदी स्वाभिमान है, 
प्रेमचंद, बच्चन, वर्मा जी का एक नया अभिमान है।

हिंदी से सुशोभित मेरे देश की आन, बान, शान है,
हर हिन्दुस्तानी के दिल में झूमे हिंदी की पहचान है।

पूरे देश को जिसने जोड़ा वो अटूट धागा है हिन्दी,
एकता की अनुपम परम्परा का गौरव और मान है हिन्दी।

                          ✍️ रमाकांत तिवारी ( झांसी, उत्तर प्रदेश )

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