हम सब का अभिमान है हिंदी।
संस्कार, संस्कृति निहित है जिसमें,
ऐसा उच्च विचार है हिंदी।
हृदय की प्रत्येक भावना,
का सुंदर संवाद है हिंदी।
जन-जन के होठों पर सजती,
ऐसी मधुर प्यास है हिंदी।
हिंदी में ही सुरभित शब्दों की,
अभिव्यक्ति बसती है।
हिंदी से ही साहित्य की,
हर विधा पूर्णत: सजती है।
कविता, गीत, ग़ज़ल, मुक्तक, छंद, सोरठा, चौपाई,
हिंदी के अनुपम शब्दों से इनमें सुंदरता आई।
सहज, सरल, कोमल हिंदी हृदय को झंकृत करती है,
इसकी सुंदरता सम्पूर्ण विश्व को अलंकृत करती है।
चंदन के जैसे महके यह,
गंगा के जैसी पावन है।
स्वर, व्यंजनों से सजा हुआ,
हिंदी का अनुपम आँगन है।
विश्व की सभी भाषाओं में,
केवल हिंदी व्यवस्थित भाषा है।
वास्तव में हमारे नैतिक मूल्यों की,
हिंदी सही परिभाषा है।
पूरे संसार मे फैली है यह,
सबसे लचीली भाषा है।
सीखना चाहें सभी,
हर दिल की यह अभिलाषा है।
हिंदी शब्दकोश का पूरे संसार में उच्च स्थान है,
जिसमें छिपे एक भाव के सैकड़ों शब्द विद्यमान है।
तोड़ के सारे बंधन वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई है,
तभी तो अपनी हिंदी सारे भूमण्डल पर छाई है।
आओ ! हम सब मिलकर अपनी राष्ट्रभाषा का सम्मान करें,
बोली में झलके संस्कार और लेखन में संस्कृति दिखे।
हमें अपनी भाषा हिंदी पर अभिमान होना चाहिए,
हिंदी में अपनापन छुपा है यह ज्ञात होना चाहिये।
मातृभाषा के लिए सम्मान,
हर दिल में होना चाहिए।
कोई एक दिवस ही खास क्यों हिंदी के लिए ?
इस खासियत का अहसास तो प्रतिपल होना चाहिए।।
✍️ ममता सिंह "अनिका" ( बरेली, उत्तर प्रदेश )
लाजवाब 👌👌
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