रविवार, सितंबर 05, 2021

🌼 शिक्षक 🌼

 
शिक्षक कौन है ? शिक्षक वह है जो बच्चे से लेकर एक महाविद्यालय के विद्यार्थी तक प्रश्न पूछने, कुछ सीखने की इच्छा को जागृत करते हैं। अपने अध्ययन विधि-विधान से, अपनी व्याख्या को इतने आकर्षक तरीके से प्रस्तुत करते हैं कि प्रश्न करने की इच्छा जागृत हो सके, विद्यार्थी स्वयं ही कुछ करने की, कुछ सीखने की ओर आकर्षित हो सके। हम शिक्षक दिवस मनाते आए है, हमारे दूसरे राष्ट्रपति डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिन के उपलक्ष्य पर। आप के विचार से शिक्षा व्यक्ति और समाज के सम्पूर्ण विकास की सशक्त प्रक्रिया है। डॉ० सर्वोपल्ली राधाकृष्णन जी स्वयं शिक्षक थे। वे अपनी बुद्धिमतापूर्ण व्याख्या, छोटी-छोटी किस्से कहानियों और आनंदमयी अभिव्यक्ति से मंत्रमुग्ध कर दिया करते थे। वे सदैव नैतिक मूल्यों को अपने आचरण में उतारने के लिए प्रेरित किया करते थे। इन दिनों जब शिक्षकों की गुणात्मक्ता का ह्रास होता चला जा रहा है। गुरु-शिष्य के पवित्र संबंधों पर ग्रहण सा लग गया है। ऐसे समय मे हम डॉ० राधाकृष्णन जी के शिक्षण मूल्यों को अपनाकर इस ग्रहण को मिटाने का प्रयास कर सकते हैं। सन 1962 में जब वे भारत के राष्ट्रपति पद पर आसीन हुए, तब कुछ विद्यार्थीयों ने उनसे मुलाकात कर उनसे, उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की अनुमति मांगी। डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने कहा कि मैं अपने जन्म दिन को “शिक्षक दिवस” के रूप में मनाए जाने से स्वयं को गौरवान्वित अनुभव करूंगा। तभी से शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा। डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी बहुमुखी विद्या के धनी थे। वे वक्ता, प्रशासक, राजनायिक, देशभक्त और शिक्षा शास्त्री थे। वे उच्च पदों पर आसीन होने के बाद भी शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देते रहे। वर्तमान में स्वयं हमे भी डॉ० राधाकृष्णन जी के सिद्धान्तों को अपना के अध्ययन शैली में सुधार लाने के प्रयत्न करना चाहिए। वर्तमान समय मे महामारी कोरोना के चलते, विद्यार्थियों की अध्ययन शैली में अंतर तो आया है। ऑनलाइन की सहायता से घर पर रहकर पढ़ाई करवाई गई। परंतु यह पूर्ण रूप से संतुष्टिदायक साबित नही हुआ। परंतु शिक्षकों की कोशिशें सहरानीय हैं।

              ✍️ दीप्ति श्रीवास्तव खरे ( छतरपुर, मध्य प्रदेश )

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