मंगलवार, सितंबर 14, 2021

🍁 सर्वगुण संपन्न है हिंदी 🍁

नारी का श्रृंगार है हिंदी,
ममता की पुकार है हिंदी,

बचपन का दुलार है हिंदी,

मीठी लोरी माँ की हिंदी,

शीतल चन्द्र छांव है हिंदी,

निर्मल गंगा भाव है हिंदी, 

नैतिकता की भाषा हिंदी, 

हर जीवन की आशा हिंदी,

जन-जन का संग्राम है हिंदी, 

मानव का संस्कार है हिंदी, 

जीने का अभिमान है हिंदी, 

साहित्य का सरताज है हिंदी, 

पुरखों का आशीर्वाद है हिंदी, 

कवियों की ललकार है हिंदी, 

भारत माँ का प्यार है हिंदी, 

दर्पण हिन्दी, अर्पण हिंदी, 

मन से मन का समर्पण हिंदी, 

स्वाभिमान जगाती हिंदी, 

इंकलाब सिखाती हिंदी, 

चरित्रवान की भाषा हिंदी, 

चरित्र नया गढ़ जाती हिंदी, 

तपती हिन्दी, जलती हिंदी, 

अस्त्र-सस्त्र की भाषा हिंदी,  

झांसी की तलवार है हिंदी, 

रण-चण्डी सी लहू मांगती, 

दुश्मन का बस काल है हिंदी, 

तोपों के गोलों सी लगती, 

वैरी के हृदय को भी छू जाती हिंदी, 

समझो तो संयम की भाषा, 

ना समझें तो अंगार है हिंदी, 

जब चाहे आजमाले दुश्मन, 

तर्पण को तैयार है हिंदी, 

अपने पर जो आ जाये तो, 

नव युग का निर्माण है हिंदी, 

नव वधु सी आंगन मे बलखाती,

सर्वगुण संपन्न है हिन्दी। 

✍️ मंजू शर्मा ( सूरत, गुजरात )

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