15 अगस्त 1947 तोड़ गुलामी की जंजीरों को,
भारत आजाद हुआ,
है स्वर्णिम इतिहास लिए,
स्वतंत्रता का गौरवशाली दिवस आया,
वंदे मातरम वीरों का शुभदा का यह मंत्र हुआ,
दुश्मन को धूमिल कर वीरों ने तिरंगा फहराया,
मातृभूमि के मान की खातिर,
स्वयं को बलिदान किया,
उस समय दुःख-दर्द की पीड़ा थी बहती,
आत्मा हिंदुस्तानियों की थी रोती,
जाने कितने वीर सपूत शहीद हुए,
तब देश हमारा स्वतंत्र हुआ,
जाते-जाते भी फिरंगिओं ने,
देश को खंडित कर डाला,
बन गई सरहदें ,
भारत टुकड़ों में बंट गया,
जाने कितने अपनों से विलग हुए,
हृदय तल के टुकड़े-टुकड़े हुए,
आज भारत माता को,
हर खतरे से बचाना है,
तिरंगे की रक्षा के लिए निडर होकर,
सब को आगे आना है,
विश्व में चहुंओर,
उसका परचम फहराना है,
आज दिवस है स्वतंत्रता का,
शहीदों का हम नमन करें,
उनके चरणों में अपने,
श्रद्धा सुमन अर्पण करें।
✍️ डाॅ० ऋतु नागर ( मुंबई, महाराष्ट्र )
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