आपसी कलह के कारण से,
वर्षों पहले परतंत्र हुआ।
पन्द्रह अगस्त सन् उन्नीस सौ सैंतालीस को,
अपना देश स्वतंत्र हुआ।
वीरों को हम नमन करते हैं,
जिन्होंने सबकुछ बलिदान दिया।
अपने प्राणों की आहुति दे,
इस राष्ट्र को नया नाम दिया।
उन माताओं को याद करते हैं,
अपने जिन्होंने पुत्र दिए।
भारत माँ का सिर ऊंचा करके,
बड़े से बड़ा कमाल किया
सावरकर, भगत सिंह और आजाद,
इस आजादी के दीवाने बने।
सब कुछ अपना त्याग कर,
आजादी के यह परवाने बने।
फिरंगी सरकार से देश को,
मुक्ति दिलाने की ठानी।
केसरिया पहन तिलक लगा,
शुरू की नई कहानी।
अंग्रेजी सेना को हरा,
अपना ध्वज फहरा दिया।
विजय वरण को ग्रहण कर,
देश आजाद करा दिया।
इतना स्वर्णिम इतिहास लिए,
यह गौरवशाली दिवस आया।
हर राष्ट्रप्रेमी ने इस दिन,
तिरंगा ध्वज फहराया।
✍️ मुकेश बिस्सा ( जैसलमेर, राजस्थान )
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