अदृश्य डोर का प्यारा सा बंधन,
नवजीवन का आगाज है स्नेह के धागे,
असीम विश्वास की धारा है स्नेह के धागे,
जिंदगी के हसीन ख्वाब है स्नेह के धागे,
प्यारी सी मुस्कुराहट का एहसास है स्नेह के धागे,
जिंदगी के गमों का अंत है स्नेह के धागे,
तपती मरुभूमि में शीतल जल का एहसास है स्नेह के धागे,
ग्रीष्मता में वर्षा की फुहार है स्नेह के धागे,
यादों में खोए, गीतों को गुनगुनाते,
नरम दूब पर चलते है स्नेह के धागे,
शीतल मलय का झोंका है स्नेह के धागे,
किताब के पन्नों में रखा शुष्क पुष्प है स्नेह के धागे ,
हमारे वजूद का प्यारा सा एहसास है स्नेह के धागे ,
परमेश्वर से मिलन है ये स्नेह के धागे।
✍️ डॉ० ऋतु नागर ( मुंबई, महाराष्ट्र )
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