छीन लिया है वह दामन संस्कृति का आज हमने,
जो कि था भारत का, है भारत का, भारत का रहेगा।
पहचान है आज विश्व में, जो भारत की थी,
कितनी भी आएं आंधियां, यह दीप जलेगा।
वह लूट कर जो ले गए सोना, वह सच्चा न था।
हर शहीद था कनक, जो कल भी था, आज भी है, कल भी रहेगा।
स्वतंत्र देश की कलम स्वतंत्रता से लिख रही,
साहित्य का सागर है अपना, कुछ अनुपम ही लिखेगा।
राम, रहीम, यीशु और नानक भारत में मुस्कुरा रहे,
अखंड भारत की एकता इतिहास लिखेगा।
स्वतंत्र देश अपना, है संविधान अपना।
संघर्ष हमारा आदर्श है, आदर्श रहेगा।
भूले नहीं हम उनको जो शहीद हो गए,
स्वतंत्रता दिवस का उपहार दे गए।
तुम्हारी वीरता को नमन सारा राष्ट्र करेगा।
गुरु शिष्य परंपरा की नींव भारत ही में तो है,
गुरु क्षमा करें, शिष्य गलतियां करता ही रहेगा।
जो कि था भारत का, है भारत का, भारत का रहेगा।
✍️ प्रतिभा तिवारी ( लखनऊ, उत्तर प्रदेश )
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