गुरुवार, अगस्त 12, 2021

🌺 हरियाली तीज 🌺

     सावन की हरियाली छायी
   हर दिल में मधुर उमंग भर आई  
      झूले लगे पेड़ों में चहुँ ओर
     दृश्य देख यह मन हुआ विभोर

      सावन में शिव महिमा गायें
   गौरा संग शिव को अर्घ्य चढ़ाएं
      सावन की महिमा है न्यारी
  गौरा-शिव की पूजन करें नर-नारी

 गौरा शिव की पूजन का दिन है आज
   ललना संग जुटा है सकल समाज
     जगमग करते हरे हरे परिधान
   कर में शोभित पूजा का सरंजाम

 पहली जिसकी पूजा है सावन पूजा
 उस ललना का हाल न जाने दूजा
   मुख पर लज्जा की लाली है
 आँखों में छायी सावन की हरियाली है

कर सोलह श्रृंगार धारण किए लाल परिधान
14 दिन की पूजा का आज करेगी वह निस्तार
14 दिन की पूजा का लिया कठिन व्रत ललना ने
साथ दिया है सखियों सँग सकल परिवार

हरियाली तीज की महिमा है अपरम्पार
गौरा शिव की पूजा कर पाया सुहाग का वरदान
गौरा-शिव की सात पुत्री विषहरा माई
उनका भी पूजन करता है सकल जहान

आओ माई करें तुम्हारा हम सोलह श्रृंगार
दे अशीष सुरक्षित रखना माँ मेरा परिवार
14 दिन की कठिन तपस्या कर किये विधि सम्मत सभी सँस्कार
हे विसहरा माई आकर करें भक्तों का सदा कल्याण

भरा रहे सुख संपदा से भक्तों का घर माते
आपसे है कर जोड़ विनती रक्षा करें भक्तों की
दें सुख सौभाग्य संतति भरा रहे घर भक्तों की
खुशियाँ श्रद्धा प्रेम से आशीष माँगे माँ आपसे।

[ विशेष - मिथिलाञ्चल में हरियाली की पूजा विशेष रूप से की जाती है l यह पूजा सावन कृष्ण पक्ष पञ्चमी से प्रारम्भ होकर सावन शुक्ल पक्ष तृतीया तक की जाती है समापन का दिन हरियाली तीज के रूप में मनाया जाता है l इसमें पार्वती शिव के साथ पार्वती-शिव की पुत्री देवी विषहरा की पूजा की जाती है, इसी का वर्णन कविता में है ]
                               ✍️  निर्मला कर्ण ( राँची, झारखण्ड )



 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा आयोजित ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव के प्रतिभागी रचनाकार सम्मानित।

पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा लोगों को स्नेह के महत्व और विशेषता का अहसास करवाने के उद्देश्य से ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव का आयोजन किया गया...