गुरु की महिमा अनंत अपार,
कैसे करूं बखान,
तमस में ज्योतिपुंज दिखाएं गुरु ऐसे महान,
अज्ञानी मन को ज्ञान से प्रज्वलित कर देते,
ज्ञान बिन जीवन सार अधूरा,
गुरु हमको यह बतलाते,
विभिन्न कलाओं और संस्कृतियों का ज्ञान गुरु हैं करवाते,
गुरु की दृष्टि में सब समतुल्य,
देते वह सबको ज्ञान,
गुरु के शिक्षा ही की खातिर एकलव्य ने अंगूठा दान दिया,
गुरु ने ही वीर अर्जुन को श्रेष्ठ धनुर्धर मान दिया,
देवकीनंदन ने महाभारत में गुरु बनकर गीता का सार दिया,
गौतम बुद्ध ने गुरु बनकर "अहिंसा परमो धर्म:" का ज्ञान दिया,
गुरु हर परिस्थितियों से लड़ने का मार्ग सुझाते हैं,
दुर्गुणों को दूर कर गुणों की खान बनाते हैं,
गुरु ही है जो गीली मिट्टी रूपी शिष्य को सुंदर घट बनाते हैं,
कण-कण में है ईश्वर का वास इसका भान कराते हैं,
गुरु की महिमा अनंत अपार, कैसे करूं बखान।
✍️ डॉ० ऋतु नागर ( मुंबई, महाराष्ट्र )
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