मंगलवार, जुलाई 20, 2021

* एकता में शक्ति *


 
उठो ! नौजवान, जाग उठो ! तुम,
 देश की खातिर आगे आओ,
 भूल भेदभाव की बातों को,
 मानवता का सार पढ़ाओ,
 कदम बढ़ाओ,
 एक और एक ग्यारह हो जाओ,
 चल रही नफरत की आंधी,
 उस आंधी को शांत कराओ,
 बिछड़ते दिलों में अखंडता का दीप जलाओ,
 भिन्न धर्म है भिन्न प्रांत हैं, भाषाएं, वेशभूषा भिन्न,
 किंतु लहू का रंग एक है,
 बूंद-बूंद से सागर बनता,
 एक-एक मोती से माला,
 दुश्मन खड़ा सरहद पर,
 विचारों की लड़ाई में ,
 तोड़ रहा हमें आपस में उलझा कर,
 है इतिहास गवाह कि जब-जब हम विलग हुए हैं,
 गुलामी में कैद हुए,
 मत तोड़ो मोती की माला ,
 अपने और अपनों की खातिर ,
 एक और एक ग्यारह हो जाओ,
 सबको समान अधिकार मिले ,
 शांति और सद्भावना का सबके मन में दीप जलाओ, 
 हम सब एक ही जगदीश्वर के बंदे,
 है मातृभूमि सुंदर परिवेश,
 एक नया विश्वास जगाओ, 
 मिलकर नये कीर्तिमान बनाओ,
 एक और एक ग्यारह हो जाओ।

                        ✍️ डॉ० ऋतु नागर ( मुंबई, महाराष्ट्र )


1 टिप्पणी:

पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा आयोजित ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव के प्रतिभागी रचनाकार सम्मानित।

पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा लोगों को स्नेह के महत्व और विशेषता का अहसास करवाने के उद्देश्य से ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव का आयोजन किया गया...