Puneet Anupam Group
रचनाकारों, कलाकारों, प्रतिभाशाली लोगों और उत्कृष्ट कार्य करने वाली शख्सियतों को प्रोत्साहित करने का विशेष मंच।
रविवार, मार्च 24, 2024
पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा आयोजित ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव के प्रतिभागी रचनाकार सम्मानित।
शनिवार, मार्च 02, 2024
🍥 कुछ रिश्ते ऐसे भी…. 🍥
बन जाते हैं कुछ रिश्ते ऐसे भी
जो बांध देते हैं, हमें किसी से भी
कुछ रिश्ते ईश्वर की देन होते हैं
कुछ रिश्ते हम स्वयं बनाते हैं।
बन जाते हैं कुछ रिश्ते ऐसे भी
जो अपनों से बढ़कर अपने होते हैं
स्नेह और विश्वास से जो बने
वह रिश्ते जीवन पर्यंत साथ निभाते हैं।
आ जाती है समझ जब अहमियत रिश्तो की
वह रिश्ते कई मक़ाम पार कर जाते हैं
होते हैं कुछ रिश्ते विश्वास के ऐसे भी
जो हमारे जीवन में सबसे खास बन जाते हैं।।
✍️ रुचि पारीक ( अजमेर, राजस्थान )
बुधवार, फ़रवरी 28, 2024
👨👩👧👧 रिश्ते 👨👩👧👧
जीवन में जरूरी हैं रिश्तों की छांव,
बिन रिश्ते जीवन बन जाए एक घाव।
रिश्ते होते हैं प्यार और अपनेपन के भूखे,
बिना ममता और स्नेह के रिश्ते लगे रूखे।
हर रिश्ते का हैं अपना एक महत्व,
बेनाम रिश्तों का ना हैं कोई अस्तित्व।
जीवन रूपी पेड़ की रिश्ते हैं अलग-अलग टहनी,
होती हैं इन टहनियों में कभी-कभी कहासुनी।
रिश्तों के बीच चलता हैं कभी-कभी मनमुटाव,
फिर भी होता हैं रिश्तों में अपनो के प्रति झुकाव।
✍️ करिश्मा नरेंद्र मल ( गढ़चिरौली, महाराष्ट्र )
मंगलवार, फ़रवरी 20, 2024
💞 आप हमारी जान हो गए 💞
अब तक थी जिंदगी मेरी अपनी
अब जिंदगी से बढ़कर आप हो गए
आपको तो यह पता भी नही चला
हम आपके इतने करीब और….. आप हमारे लिए सबसे खास हो गए
आए थे कुछ मोड़, अकेले जीवन में
अब हर मोड़ पर आप हमारे साथ हो गए।
चल रहे थे अकेले कहीं अब तक
आपके प्यार और विश्वास से
हम और आपके पास हो गए
अब तक जीवन में था कुछ खालीपन
आपके आने से आया इसमें नयापन
भर गए नए रंग इसके हर पन्ने में
हर पल बन गया सुरीला इसके हर कोने में।
खींचे चले आए मन के इन धागों से
जो आपकी चाहत में बंध गए
कब से तलाश थी इन आंखों को आपकी
अब इनमें आप बस गए
जगह ही नही किसी और के आने की
होता क्या है प्यार इससे अनजान थे
आपकी मोहब्बत में अब यह जान गए।
जान गए हैं आपको इस कदर
कि खुद से भी अनजान हो गए
जानते ना थे कोई इतना चाहेगा
साथ ले जाएगा अपना बनाकर
अब तक थी जिंदगी मेरी अपनी
अब जिंदगी से बढ़कर आप हो गए
अब तक थे अनजान इस अहसास से कि
हम आपकी और आप हमारी जान हो गए।।
✍️ रुचि पारीक ( अजमेर, राजस्थान )
सोमवार, फ़रवरी 19, 2024
🥦 बसंत की बहार 🥦
बसंत की बहार हैं आई,
देकर शीत लहर को बिदाई।
खेतों में हैं नई फसले लहराई,
मौसम ने ली हैं अंगड़ाई।
भौर होते ही पंछी बोले,
सूरज अपने लालिमा में डोले।
पेड़ नई-नई शाखाएं खोले,
बेर, अमरूद से भर लो झोले।
सुनहरी धूप मन को भाए,
घर-घर में हरियाली छाए।
हुआ हैं देखो बसंत का आगमन,
करें सब माँ सरस्वती को वंदन।
✍️ करिश्मा नरेंद्र मल ( गढ़चिरौली, महाराष्ट्र )
मंगलवार, फ़रवरी 13, 2024
पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा आयोजित ऑनलाइन "कलाकार प्रोत्साहन कार्यक्रम" के प्रतिभागी सम्मानित।
शनिवार, फ़रवरी 03, 2024
💞 प्रेम 💞
हाँ यही प्रेम है
जिसकी कोई अभिलाषा नही
कुछ मन के एहसासों से पूर्ण
शब्द रूपी जिसकी कोई भाषा नही
राधा से कृष्ण का
संतान से माता-पिता का
बिरहा से विरहनी का
प्रकृति से जीवों का
उत्पन्न हो जाए
जिस भी रूप में स्नेह
प्रीत, वात्सल्य और अधिकार में
जो उमड़ जाए
हृदय के कई भावों और विचार में
छलक जाते हैं जो नाम
नैनों से बहके अश्रु धार में
वही सच्चा प्रेम है
जो स्वयं में परिपूर्ण है
रह जाता है अधूरा भी
फिर भी वह पूर्ण है
पाना नही पाना
बस एक भाव है
वरना प्रेम जैसा तो
ना कोई भंडार है
हाँ यही वह प्रेम है
जिसकी कोई अभिलाषा नही
है स्वयं में परिपूर्ण
अन्य किसी से कोई आशा नही।
✍️ रुचि पारीक ( अजमेर, राजस्थान )
पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा आयोजित ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव के प्रतिभागी रचनाकार सम्मानित।
पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा लोगों को स्नेह के महत्व और विशेषता का अहसास करवाने के उद्देश्य से ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव का आयोजन किया गया...
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हे प्रियतम ! आपसे मैं हूँ और आपसे ही मेरा श्रृंगार......। नही चाहिए मुझे कोई श्रृंगार-स्वर्ण मिल जाए बस आपका स्नेह.. ...
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बन जाते हैं कुछ रिश्ते ऐसे भी जो बांध देते हैं, हमें किसी से भी कुछ रिश्ते ईश्वर की देन होते हैं कुछ रिश्ते हम स्वयं बनाते हैं। बन जाते हैं ...
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समग्र सृष्टि को, पर्यावरण करता निर्धारित। जीवन को करता पर्यावरण व्यापक रूप से प्रभावित। पर्यावरण संतुलन तब तक रहता, जब तक सभी तत्व, निश्चित ...