रविवार, मार्च 24, 2024

पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा आयोजित ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव के प्रतिभागी रचनाकार सम्मानित।

पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा लोगों को स्नेह के महत्व और विशेषता का अहसास करवाने के उद्देश्य से ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें रचनाकारों को दस अलग-अलग विषयों के विकल्प देकर उनमें से किन्हीं दो विषयों का चयन करके चयनित विषयों पर आधारित रचनाएं लिखने के लिए कहा गया। इस महोत्सव में देश के अलग-अलग राज्यों के रचनाकारों ने भाग लिया। जिन्होंने दिए गए विषयों पर आधारित एक से बढ़कर एक उत्कृष्ट रचनाओं को प्रस्तुत कर महोत्सव की शोभा में चार चाँद लगा दिए और महोत्सव को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। महोत्सव में सम्मिलित सभी प्रतिभागी रचनाकार शख्सियतों को ऑनलाइन 'पुनीत साहित्य रत्न' सम्मान देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर ग्रुप के संस्थापक एवं अध्यक्ष पुनीत कुमार जी ने मनुष्य के जीवन में स्नेह का विशेष महत्व बताते हुए लोगों से प्रकृति के कण-कण के प्रति स्नेह भाव रखने की प्रार्थना की और महोत्सव में प्रस्तुत की गई रचनाओं पर अपनी महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया देकर रचनाकारों का मार्गदर्शन व उत्साहवर्धन किया और सम्मान पाने वाले सभी प्रतिभागी रचनाकारों को उज्ज्वल साहित्यिक जीवन की शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही उन्होंने लोगों को ग्रुप द्वारा आयोजित होने वाले भिन्न-भिन्न ऑनलाइन कार्यक्रमों में अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए सादर आमंत्रित भी किया। इस महोत्सव में उत्कृष्ट रचना प्रस्तुत करके ग्रुप की शोभा बढ़ाने वालों में प्रमुख नाम रूचि पारीक, करिश्मा नरेंद्र मल रचनाकारों के रहे।

शनिवार, मार्च 02, 2024

🍥 कुछ रिश्ते ऐसे भी…. 🍥









बन जाते हैं कुछ रिश्ते ऐसे भी

जो बांध देते हैं, हमें किसी से भी

कुछ रिश्ते ईश्वर की देन होते हैं

कुछ रिश्ते हम स्वयं बनाते हैं।


बन जाते हैं कुछ रिश्ते ऐसे भी

जो अपनों से बढ़कर अपने होते हैं

स्नेह और विश्वास से जो बने

वह रिश्ते जीवन पर्यंत साथ निभाते हैं।


आ जाती है समझ जब अहमियत रिश्तो की

वह रिश्ते कई मक़ाम पार कर जाते हैं

होते हैं कुछ रिश्ते विश्वास के ऐसे भी

जो हमारे जीवन में सबसे खास बन जाते हैं।।


✍️ रुचि पारीक ( अजमेर, राजस्थान )

बुधवार, फ़रवरी 28, 2024

👨‍👩‍👧‍👧 रिश्ते 👨‍👩‍👧‍👧


   








जीवन में जरूरी हैं रिश्तों की छांव,

बिन रिश्ते जीवन बन जाए एक घाव।

रिश्ते होते हैं प्यार और अपनेपन के भूखे,

बिना ममता और स्नेह के रिश्ते लगे रूखे।


हर रिश्ते का हैं अपना एक महत्व,

बेनाम रिश्तों का ना हैं कोई अस्तित्व।

जीवन रूपी पेड़ की रिश्ते हैं अलग-अलग टहनी,

होती हैं इन टहनियों में कभी-कभी कहासुनी।


रिश्तों के बीच चलता हैं कभी-कभी मनमुटाव,

फिर भी होता हैं रिश्तों में अपनो के प्रति झुकाव।


✍️ करिश्मा नरेंद्र मल ( गढ़चिरौली, महाराष्ट्र )

मंगलवार, फ़रवरी 20, 2024

💞 आप हमारी जान हो गए 💞








अब तक थी जिंदगी मेरी अपनी

अब जिंदगी से बढ़कर आप हो गए

आपको तो यह पता भी नही चला

हम आपके इतने करीब और…..                         आप हमारे लिए सबसे खास हो गए

आए थे कुछ मोड़, अकेले जीवन में                

अब हर मोड़ पर आप हमारे साथ हो गए।


चल रहे थे अकेले कहीं अब तक

आपके प्यार और विश्वास से

हम और आपके पास हो गए

अब तक जीवन में था कुछ खालीपन

आपके आने से आया इसमें नयापन

भर गए नए रंग इसके हर पन्ने में

हर पल बन गया सुरीला इसके हर कोने में।


खींचे चले आए मन के इन धागों से

जो आपकी चाहत में बंध गए

कब से तलाश थी इन आंखों को आपकी

अब इनमें आप बस गए

जगह ही नही किसी और के आने की

होता क्या है प्यार इससे अनजान थे

आपकी मोहब्बत में अब यह जान गए।

       

जान गए हैं आपको इस कदर

कि खुद से भी अनजान हो गए

जानते ना थे कोई इतना चाहेगा

साथ ले जाएगा अपना बनाकर

अब तक थी जिंदगी मेरी अपनी

अब जिंदगी से बढ़कर आप हो गए

अब तक थे अनजान इस अहसास से कि

हम आपकी और आप हमारी जान हो गए।।

  

✍️ रुचि पारीक ( अजमेर, राजस्थान )

सोमवार, फ़रवरी 19, 2024

🥦 बसंत की बहार 🥦








बसंत की बहार हैं आई,

देकर शीत लहर को बिदाई।

खेतों में हैं नई फसले लहराई,

मौसम ने ली हैं अंगड़ाई।


भौर होते ही पंछी बोले,

सूरज अपने लालिमा में डोले।

पेड़ नई-नई शाखाएं खोले,

बेर, अमरूद से भर लो झोले।


सुनहरी धूप मन को भाए,

घर-घर में हरियाली छाए।

हुआ हैं देखो बसंत का आगमन,

करें सब माँ सरस्वती को वंदन।


✍️ करिश्मा नरेंद्र मल ( गढ़चिरौली, महाराष्ट्र )

मंगलवार, फ़रवरी 13, 2024

पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा आयोजित ऑनलाइन "कलाकार प्रोत्साहन कार्यक्रम" के प्रतिभागी सम्मानित।

पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा‌ राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन "कलाकार प्रोत्साहन कार्यक्रम" का आयोजन किया गया। जिसमें भिन्न-भिन्न कला के जानकार या‌ किसी विशेष कला में संपन्न प्रतिभाशाली कलाकार शख्सियतों को अपनी प्रतिभा विडियो रूप में लोगों के समक्ष प्रस्तुत करने का सुनहरा अवसर दिया गया। इस कार्यक्रम में देश के अलग-अलग राज्यों की कलाकार शख्सियतों ने भाग लिया। जिन्होंने दी गई भिन्न-भिन्न कलाओं में से अपनी इच्छा से एक कला का चयन करके चयनित कला में एक से बढ़कर एक बेहतरीन प्रस्तुतियां देकर कार्यक्रम की शोभा में चार चाँद लगा दिए और कार्यक्रम को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस कार्यक्रम में उत्कृष्ट कला प्रतिभा प्रदर्शित करने वाली कलाकार शख्सियतों को ऑनलाइन 'पुनीत कला अलंकार' सम्मान से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर ग्रुप के संस्थापक एवं अध्यक्ष पुनीत कुमार जी ने कार्यक्रम में प्रस्तुत की गई भिन्न-भिन्न कलाओं पर अपनी महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया देकर कलाकार शख्सियतों का मार्गदर्शन व उत्साहवर्धन किया तथा प्रतिभागी कलाकार शख्सियतों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही उन्होंने ग्रुप द्वारा आयोजित होने वाले भिन्न-भिन्न ऑनलाइन‌ कार्यक्रमों में अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए लोगों को सादर आमंत्रित भी किया। इस कार्यक्रम में उत्कृष्ट कला प्रतिभा प्रदर्शित करके ग्रुप की शोभा बढ़ाने वालों में प्रमुख नाम रुचि पारीक और नताशा नेगी के रहे।

शनिवार, फ़रवरी 03, 2024

💞 प्रेम 💞









हाँ यही प्रेम है

जिसकी कोई अभिलाषा नही

कुछ मन के एहसासों से पूर्ण

शब्द रूपी जिसकी कोई भाषा नही


राधा से कृष्ण का

संतान से माता-पिता का

बिरहा से विरहनी का

प्रकृति से जीवों का 

उत्पन्न हो जाए

जिस भी रूप में स्नेह


प्रीत, वात्सल्य और अधिकार में

जो उमड़ जाए 

हृदय के कई भावों और विचार में

छलक जाते हैं जो नाम

नैनों से बहके अश्रु धार में

वही सच्चा प्रेम है


जो स्वयं में परिपूर्ण है

रह जाता है अधूरा भी

फिर भी वह पूर्ण है

पाना नही पाना 

बस एक भाव है

वरना प्रेम जैसा तो

ना कोई भंडार है

 

हाँ यही वह प्रेम है

जिसकी कोई अभिलाषा नही

है स्वयं में परिपूर्ण

अन्य किसी से कोई आशा नही।


 ✍️ रुचि पारीक ( अजमेर, राजस्थान )

पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा आयोजित ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव के प्रतिभागी रचनाकार सम्मानित।

पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा लोगों को स्नेह के महत्व और विशेषता का अहसास करवाने के उद्देश्य से ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव का आयोजन किया गया...